कटारिया ने अनूप मंडल को एक जैन विरोधी संगठन बताते हुए लिखा कि यह मंडल राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में अशिक्षित गरीब और पिछड़ी जाति के लोगों में जैन धर्म, जैन साधु और साध्वियों के खिलाफ जहर घोल रहा है। उन्होंने कहा कि जैन समाज ने ‘जीओ और जीने दो’ का संदेश दिया है। जैन धर्म अहिंसा का पुजारी हैं। ऐसे 100 साल पुराना अनूप मंडल कैसे जैन दर्शन और सिद्धांतों की अपशब्दों से आलोचना और वैमनस्यता फैला सकता है।
जैन साधुओं पर हमला, कई दिवंगत कटारिया ने लिखा कि अनूप मंडल के सदस्यों ने कई जैन साधुओं पर हमला भी किया है, जिसके चलते कई साधुओं को चोटें आई तो कई साधु दिवगंत भी हुए हैं। सड़क पर पैदल विहार करने वाले साधुओं को सड़क दुर्घटना से चोट पहुंचाई है, जिससे कई साधु अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए हैं। इस प्रकार की घटना राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक और उत्तरप्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में हुई है और आज भी मंडल के सदस्य इस प्रकार के दुष्प्रचार में लगे हुए हैं।
अमित शाह से अपील, विषय को गंभीरता से लें कटारिया ने पत्र में शाह से अपील की है कि वो विषय को गंभीरता से लें। राजस्थान में कई साल पहले इनके साहित्य और संगठन पर पाबंदी लगाकर कठोर कार्रवाई की गई हैं। इस बार सोशल मीडिया के माध्यम से जिस प्रकार से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इससे संपूर्ण देश के जैन समाज और साधु—संतों को कष्ट हो रहा है। इसलिए विषय को गंभीरता से लेकर स्थाई रूप से इस संगठन को प्रतिबंधित करें।