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राजस्थान के इस सीनियर IPS पर चला सेन्ट्रल होम मिनिस्ट्री का ‘डंडा’, इंदुभूषण बर्खास्त, पढ़ें ऐसा क्या था ‘जुर्म’

राजस्थान कॉडर के 1989 बैच के अधिकारी इंदु कुमार भूषण को प्रदेश के कार्मिक विभाग की रिपोर्ट पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने बर्खास्त कर दिया है।

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indu bhushan

जयपुर।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीनियर आईपीएस अफसर इंदूभूषण को बर्खास्त कर दिया है। इंदूभूषण अपने कार्यकाल के दौरान कई बार विवादों में रहे हैं। उनपर अधिकारियों की शिकायतों और कर्मचारियों से बदसलूकी करने के संगीन आरोप लग चुके हैं। वहीं इंदूभूषण का नाम, सम्पत्ती की जानकारी देने के मामले में खुलकर बोलने के कारण भी सामने आया था तब उन्हें एपीओ किया गया था।


जानकारी के मुताबिक़ केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इंदुभूषण की अनिवार्य सेवानिवृति के आदेश जारी कर दिए हैं। सामने आया है कि जारी हुए आदेश में उनकी सेवाओं को आवश्यक नहीं माना गया है। दरअसल,भारत सरकार के पास किसी भी अफसर पर कार्रवाई करने का अधिकार होता है। जानकारी के मुताबिक़ इंदुभूषण की बर्खास्तगी को अनिवार्य सेवानिवृति के तौर पर माना जाएगा। इसके नियमों के तहत उन्हें पेंशन की सुविधा मिलती रहेगी। किसी आईपीएस अफसर पर इस तरह की कार्रवाई का सम्बावताया ये पहला मामला है।


इस बयान से आये थे सुर्ख़ियों में
चर्चित आईपीएस और राजस्थान के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक इंदु कुमार भूषण ने कहा था कि नौकरी के शुरुआत में तो प्रोपर्टी रिटर्न शून्य होता है, मगर जैसे ही अफसर पुराने होते-जाते हैं तो मलाई खाने में जुट जाते हैं। पैसा कमाने के हर तौर-तरीके सीखने के बाद खड़ी कर लेते हैं करोड़ों की जायदाद। चल संपत्ति हो या अचल संपत्ति, बेशुमार बढ़ोत्तरी होती है।

गृह मंत्री को भेजी थी चिट्ठी

पुलिस महकमे के कई अफसरों पर गंभीर आरोप लगाते हुए आईपीएस इंदुभूषण ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह को भी एक लिखित शिकायत भेजी थी। पत्र में उन्होंने लिखा था कि आईपीएस सर्विस के 20 से 25 साल के बीच लगभग 100 करोड़ की प्रोपर्टी हो जाती है।


इंदुभूषण ने गृहमंत्री को भेजी शिकायत में प्रदेश में दुष्कर्म सहित महिला संबंधी अपराध बढ़ने का आरोप भी लगाया था। यही नहीं, इस आईपीएस ने पुलिस मुखिया समेत कई अन्य अफसरों की कार्यकुशलता पर सवाल भी खड़े कर दिए हैं।

इंदुभूषण ने उच्च अफसरों पर साजिश रचने के आरोप लगाए कि शास्त्री नगर थाने के एक कांस्टेबल की ओर से दर्ज मुकदमे में उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। उन्होंने आशंका जताई थी कि उनकी छवि धूमिल करने के लिए वरिष्ठ अधिकारी किसी भी समय उनकी गिरफ्तारी करवा सकते हैं।

ये विवाद भी जुड़े हैं
इससे पहले राज्य से बाहर राज्यपालों के कार्यक्रम में भूषण ने अपना गला काटने की धमकी तक दे दी थी। भूषण पर बात बात अपनी सर्विस रिवाल्वर निकालने दूसरों पर तानने के आरोप लगते रहे है। इसके साथ ही जब भूषण को पुलिस अधीक्षक के पद पर नियुक्ति नहीं दी तो वे अपना आपा खो बैठे थे और उन्हेांने सर्विस रिवाल्वर से खुद को उडाने की धमकी सरकार को दे दी थी। तभी से उनकेा नॉन फील्ड कर दिया गया था। भूषण अपनी 28 साल की सेवा में पांच बार एपीओ हो चुके थे।