
205 हेल्पर पर 2.27 करोड़ सालाना खर्च, फिर भी कचरा पब्लिक ही डाल रही
जयपुर. हैरिटेज नगर निगम में हर घर से कचरा उठाने के लिए हेल्पर लगा दिए, लेकिन इनका ध्यान हूपर से कचरा बीनने पर ज्यादा रहता है। पत्रिका टीम ने हैरिटेज निगम सीमा क्षेत्र के कई वार्डों में जाकर देखा तो कहीं हूपर पर हेल्पर ही नहीं मिले और कुछेक वार्ड ऐसे थे, जहां हेल्पर हूपर में कचरा डाल भी रहे थे।
दरअसल, जैसे ही हूपर गलियों में कचरा लेने के लिए घुसता है हेल्पर कचरा उठाने की बजाय गाड़ी पर ही बैठ जाता है और जो लोग कचरा डालते हैं उसमें से प्लास्टिक, कागज के गत्ते व अन्य उपयोगी सामान को निकालते हैं। इसको ये लोग इकट्ठा कर कबाड़ की दुकान पर बेचकर कमाई करते हैं। जबकि, निगम इन हेल्पर को नौ से 10 हजार रुपए प्रति माह भुगतान करता है।
हो रही दोहरी कमाई
-कचरा बीनने से हेल्पर की दोहरी कमाई होती है। कचरे में से जो सामान बीनते हैं, उसे बेच देते हैं और प्रति माह निगम इनको वेतन भी देता है।
-हैरिटेज नगर निगम ने 205 हेल्पर ठेके पर ले रखे हैं। इन पर प्रतिमाह 18.96 लाख रुपए खर्च होते हैं।
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सत्ता खुश न विपक्ष
हमारे वार्ड में जो हूपर चल रहे हैं उनमें से किसी पर भी हेल्पर नहीं है। कई बार कम्पनी के प्रतिनिधियों को कह चुके, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। बुजुर्ग और महिलाएं खुद ही कचरा डालती हैं।
-अरविंद मेठी, पार्षद, कांग्रेस
हमारे वार्ड में हेल्पर तो आते हैं, लेकिन वे घरों से कचरा नहीं उठाते। ये लोग हूपर पर खड़े होकर कचरे में से प्लास्टिक व अन्य सामान बीनते हैं। अधिकारियों से भी कहा, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।
-दशरथ सिंह शेखावत, पार्षद कांग्रेस
हमारे वार्ड में एक भी हूपर पर हेल्पर नहीं आता है। कई बार शिकायत कर चुके और आयुक्त से मिल आपत्ति भी जताई, लेकिन कोई हल नहीं निकला। वार्ड में लोग खुद ही हूपर में कचरा डालते हैं।
-अमर सिंह गुर्जर, भाजपा
Published on:
17 Feb 2023 12:56 pm
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