
कैसे काम करता है यूरोपीय संघ, क्या हैं चुनौतियां ?
विश्व में यूरोपीय देशों का दबदबा सदियों से रहा है। 44 यूरोपीय देशों में से 28 देश यूरोपीय संघ के सदस्य हैं। यूरोपीय संघ में ज्यादातर यूरोप के बड़े विकसित और विकासशील देश शामिल हैं। यूरोपीय संघ की अर्थव्यवस्था का आकार 2019 में 19.1 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है, जो 2018 में 18.8 ट्रिलियन डॉलर था। जर्मनी ईयू का सबसे ताकतवर और विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है। इसकी अर्थव्यवस्था 3.4 ट्रिलियन डॉलर है। 2.9 ट्रिलियन डॉलर के साथ ब्रिटेन ईयू की दूसरी और 2.4 ट्रिलियन डॉलर के साथ फ्रांस तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है। यूरोपीय देशों की कुल जनसंख्या 74.1 करोड़ है, जबकि यूरोपीय संघ की आबादी लगभग 52 करोड़ है।
संघ मोटे तौर पर चार संस्थाओं की बुनियाद पर खड़ा है। जैसे यूरोपीय परिषद, यूरोपीय संसद, यूरोपीय आयोग और मंत्री परिषद। संघ राजनीतिक, वित्तीय और कानूनी कामकाज इन संस्थाओं के माध्यम से करता है। जानिए इनके बारे में-
1. यूरोपीय परिषद : ईयू के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों का समूह। प्रतिनिधि वर्ष में चार बार अवश्य मिलते हैं व राजनीतिक प्राथमिकता और लक्ष्य निर्धारित करते हैं।
2. यूरोपीय संसद : 751 सदस्य होते हैं, जिन्हें ईयू के सदस्य देशों के लोग 5 वर्ष के लिए चुनते हैं। इनमें ब्रिटेन के 73 सदस्य होते हैं। ब्रसेल्स और स्ट्रासबर्ग में बैठक होती है।
3. यूरोपीय आयोग: ये ईयू की नौकरशाही है, जिसमें सभी 28 देशों के प्रतिनिधि होते हैं। ये नीतियों और बजट को लागू करता है। यहीं से कानून प्रस्तावित होता है।
4. मंत्री परिषद : इस मंच पर ईयू के सदस्य देशों के मंत्री अपनी बात रखते हैं। यह यूरोपीय आयोग के प्रस्तावों पर काम करता है। विभागों के मुताबिक मंत्री होते हैं।
यूरोपीय संघ के बारे में वो सबकुछ, जो आप जानने चाहते हैं
1957 में बना यूरोपीय देशों का संगठन यूरोपीय आर्थिक समुदाय (ईईसी)।
1993 में एक नवंबर को मैस्ट्रिच (बेल्जियम) संधि के बाद बना यूरोपीय संघ।
18.8 ट्रिलियन डॉलर है यूरोपीय संघ की अर्थव्यवस्था का आकार
7295 खरब रुपए का व्यापार है भारत और यूरोपीय संघ के बीच।
52 करोड़ है यूरोपीय संघ के देशों की जनसंख्या
28 देश संघ में। 28वां देश क्रोएशिया 2013 में ईयू से जुड़ा।
क्या यूरोपीय संघ को एकजुट रख विकास को गति दे पाएगा
आने वाली सर्दियों में यूरोपीय संघ के प्रमुख पदों के लिए चुनाव होगा, हालांकि नाम तय किए जा चुके हैं। जर्मनी की पूर्व रक्षामंत्री उर्सुला वॉन डेर लेयन यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष बन जाएंगी, जिन्हें इस तरह की नौकरियों के लिए नीति और मसौदा बनाने का काम सौंपा गया है। वॉन डेर लेयन ने एक मजबूत यूरोपी की वकालत की है और बहुराष्ट्रीय ढांचे को बनाए रखने का आह्वान किया है। चाल्र्स मिशेल यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष, क्रिस्टीन लेगार्ड ईयू सेंट्रल बैंक की अध्यक्ष और जोसेप बोरेल प्रतिनिधि के रूप में अपनी नई जिम्मेदारी लेंगे। रोप सहित पूरी दुनिया की निगाहें इन हस्तियों पर हैं, जिनके सामने दरकती यूरोपीय अर्थव्यवस्था को संभालना बड़ी चुनौती है। खासकर ब्रिटेन के ईयू से बाहर होने की सूरत में, जो एक महत्वपूर्ण आर्थिक साझेदार है। अमरीका और ईरान के बीच टकराव के कारण मध्य पूर्व में तनाव बढ़ रहा है। इन सबके बीच यूरोपीय संघ की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
Published on:
11 Aug 2019 02:59 pm
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