
Sawan 2023: सावन में ऐसे करेंगे भोले बाबा की पूजा तो बरसेगी उनकी अपार कृपा, जानिए अन्न-धान्य अर्पण के खास उपाय
जयपुर। श्रावण मास (Sawan) में महादेव (Mahadev) की पूजा-अभिषेक अनेक मनोरथों को पूर्ण करने वाला है। वेदी महादेवी अम्बिका हैं, वे (सत, रज, तम) तीनों गुणों से तथा त्रिदेवों युक्त रहती हैं। जो प्राणी शिवलिंगों की पूजा करता है वह शिव-पार्वती की कृपा सहजता से प्राप्त करता है। शिवपुराण (Shivpuran) की रूद्र संहिता में विभिन्न प्रकार के अन्न (धान्यों) से शिवपूजा का फल अलग-अलग बताया गया है।
अक्षत : शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव पर अखंड और धुले हुए साफ अक्षत (चावल) चढ़ाने से उपासक को लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। शिवजी के ऊपर भक्तिभाव से एक वस्त्र चढ़ाकर उसके ऊपर चावल रखकर समर्पित करना और भी उत्तम माना गया है।
तिल: शिवजी पर तिल अर्पित करने से मनुष्य के सभी पाप एवं रोग नष्ट होनेे की मान्यता है। शनिजन्य दोषों से मुक्ति के लिए भगवान शिव पर काले तिल अर्पित करने चाहिए।
जौ: जौ से हुई शिव की पूजा स्वर्गीय सुख की वृद्धि करने वाला होता है। इसकी मान्यता शिवपुराण के कथन में भी शामिल है।
गेहूं: गेहूं से बने हुए पकवान से की हुई शंकरजी की पूजा निश्चय ही बहुत उत्तम मानी गई है। गेहूं के दानों से पूजा करने पर संतान की वृद्धि से जुड़ी मान्यता है।
मूंग: यदि मूंग से पूजा की जाए तो भगवान शिव मनुष्य को सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं। ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
कंगनी: कंगनी द्वारा सर्वाध्यक्ष परमात्मा शिव का पूजन करने से उपासक के धर्म, अर्थ और काम-भोग की वृद्धि होती है तथा वह पूजा समस्त सुखों को देने वाली होती है।
अरहर के पत्ते: जो उपासक अरहर के पत्तों से शिवजी का शृंगार करके शिव की पूजा करे, तो इस प्रकार की गई पूजा अनेकों प्रकार के सुखों और सम्पूर्ण फलों को देने वाली है।
Updated on:
24 Jul 2023 02:43 pm
Published on:
24 Jul 2023 02:39 pm
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