
जयपुर
(Supreme court of India )सुप्रीम कोर्ट ने(Hyderabad) हैदराबाद में महिला वैटरनरी डॉक्टर का सामुहिक रेप करके उसे जलाकर मार डालने वाले चार आरोपियों का 6 दिसंबर को हुए (encounter) एनकाउंटर मामले की जांच (ex sc judge)पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज करवाने की मंशा जताई है। (CJI SA Bobde)सीजेआई एस.ए. बोबडे की बैंच ने इस संबंध में बुधवार को एक (PIL) पीआईएल की सुनवाई के दौरान यह प्रस्ताव दिया। सीजेआई ने कहा कि उन्होंने जस्टिस पी.वी.रेड्डी के नाम पर विचार किया था लेकिन वह फिलहाल उपलब्ध नहीं हैं। कोर्ट ने सरकार और पीटिशनर को जांच के लिए पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज के नाम का सुझाव देने को कहा है और सुनवाई गुरुवार यानि १२ दिसंबर को तय की है।
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो जांच...
एनकाउंटर के बाद एडवोकेट जीएस मणी और प्रदीप कुमार यादव ने पीआईएल दायर की है। उन्होंने कथित एनकाउंटर में की एफआईआर दर्ज करने और एनकाउंटर में शामिल पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पीआईएल में पीयूसीएल केस के आधार पर कहा है कि संविधान के आर्टिकल २१ के तहत प्रत्येक नागरिक को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकार है और स्टेट यानि राज्य भी इस अधिकार का उल्लंघन नहीं कर सकता।
पुलिस का कहना है...
पुलिस का कहना है कि वह ६ दिसंबर को जिस तरह से सुबह तीन बजे आरोपी मोहम्मद आरिफ,चिंताकुंटा,चेन्नाकेशावुलू,जॉली शिवा और जोलू नवीन को हैदराबाद से करीब ६० किलोमीटर दूर अपराध स्थल पर सीन रिक्रेएट करने के लिए लेकर गई थी। इसी दौरान उनमें से एक ने बाकी तीन आरोपियों को इशारा किया और चारों ने पुलिसवालों से हथियार छीनकर भागने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें रोकने और पकडऩे की कोशिश की तो क्रॉस फायरिंग में चारों मारे गए।
यह कहा है पीआईएल में...
पीआईएल में कहा है कि यह सामुहिक रेप और हत्या के मामले में पुलिस लापरवाही और आमजन की तीखी प्रतिक्रिया से ध्यान भटकाने के लिए किया गया फर्जी एनकाउंटर है। मृत युवती के परिवार वालों ने पुलिस को फोन किया तो पुलिस ने तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की उल्टे परिवार वालों को कहा था कि हो सकता है कि उनकी बेटी किसी के साथ भाग गई हो। एनकाउंटर के बाद जनता ने पुलिस का स्वागत किया और मिठाईयां बांटी। यदि यह सब एेसे ही होता रहा तो कानून के राज का कोई महत्व नहीं रह जाएगा। पीटिशनर का कहना है कि एनकांटर में शामिल बडे पुलिस अधिकाीर सबूतों और दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं इसलिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच करवाई जाए। इस एनकाउंटर पर तेलंगाना हाईकोर्ट भी सुनवाई कर रहा है और कोर्ट ने तेलंगाना सरकार को १३ दिसंबर तक चारों आरोपियों के शवों को सुरक्षित रखने और पोस्टमार्टम की वीडियो रिकार्डिंग पेश करने के निर्देश दिए हैं। वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी एनकाउंटर की जांच शुरु कर दी है।
Published on:
11 Dec 2019 07:19 pm
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