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7 हजार सफाईकर्मियों को साथ मिले तो बदल जाए सूरत…सफाई को बनाएं आदत

जयपुर. राजधानी में करीब 50 लाख की आबादी है। पूरे शहर की सफाई व्यवस्था का जिम्मा निगम के 7 हजार सफाईकर्मियों पर है। शहरवासियों का साथ मिलेगा तो शहर की स्वच्छता में चार चांद लग जाएंगे। यदि शहरवासी शहर को साफ रखने की जिम्मेदारी उठा लेंगे तो सफाईकर्मियों का काम आसान हो जाएगा। इसके लिए […]

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जयपुर

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Amit Pareek

Jul 21, 2025

जयपुर. राजधानी में करीब 50 लाख की आबादी है। पूरे शहर की सफाई व्यवस्था का जिम्मा निगम के 7 हजार सफाईकर्मियों पर है। शहरवासियों का साथ मिलेगा तो शहर की स्वच्छता में चार चांद लग जाएंगे। यदि शहरवासी शहर को साफ रखने की जिम्मेदारी उठा लेंगे तो सफाईकर्मियों का काम आसान हो जाएगा। इसके लिए शहरवासियों को सिर्फ अपनी आदत बदलनी है। सड़क पर कचरा फेंकने से बचना है। सड़क किनारे लगे लिटरबिन्स में कचरा डालने की आदत को अपना लेंगे तो शहर में बदलाव नजर आने लगेगा। इंदौर में शहरवासी अपनी जिम्मेदारी समझते हैं और कभी भी कचरा सड़क पर नहीं फेंकते। इसके अलावा मैकेनाइज्ड स्वीपिंग भी दोनों नगर निगम की ओर से करवाई जा रही है। ये शहर की मुख्य सड़कों को साफ करते हैं।

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निगम सफाईकर्मियों की संख्या

ग्रेटर 2995

हैरिटेज 4051

दो पारियों में काम

-सुबह 7 से 11 बजे तक

-दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक

(दोनों नगर निगम में करीब 2000 सफाईकर्मी मूल काम छोड़कर दूसरे काम कर रहे हैं। निगम प्रशासन इन कर्मियों से सफाई का काम करवाया जाया।)

निगम ये भी नहीं करवा पा रहा

-नियमों की बात करें तो घनी आबादी में एक सफाईकर्मी को 500 मीटर और कम आबादी वाले क्षेत्र में 1000 मीटर झाडू़ लगाने का प्रावधान है। लेकिन नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी ये काम भी नहीं करवा पा रहे हैं।

-सफाईकर्मियों से कई बार नाइट स्वीपिंग कराने की कवायद की गई, लेकिन इसको मूर्तरूप नहीं दिया गया। पूरी व्यवस्था मैकेनाइज्ड स्वीपिंग के भरोसे ही चल रही है।

शहरवासी लें यह प्रण

-कचरा खुले में नहीं फेंकेंगे: हर नागरिक सुनिश्चित करे कि कचरा कूड़ेदान में जाएगा।

-कचरा अलग-अलग देंगे: घर पर गीला-सूखा कचरा अलग करेंगे और उसको हूपर में इसी तरह से डालेंगे।

-कॉलोनी की निगरानी भी करेंगे: जो लोग खुले में कचरा फेंकते हैं। ऐसे लोगों को कचरा खुले में फेंकने से रोकें।