
जयपुर. इससे आगे न जा पाए, यहीं पानी के बादलों को बांध लिया जाए, खास ये इधर ही बरस जाए, तो हमारी मनोकामना पूरी हो जाए। ऐसे ही दृश्य को दर्शाती पेंटिंग राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में डिस्प्ले की गई है। पेंटिंग के कलाकार राम गोपाल कुमावत का कहना है कि बारिश न होने पर लोग देखते हैं कि अपने ऊपर से बादल निकल गए, तभी लोगों के मन में बादलों को बांधने की इच्छा होती है। इन्हीं चीजों को कैनवास पर उकेरा गया है। जिसमें एक फोर्ट के नजदीक दो पपेट्स एक बादल को बांधे हुए नजर आ रहें है।
कैनवास पर कला की खूबसूरती
राजस्थान ललित कला अकादमी की ओर से राज्य स्तरीय ‘रंग मरूधरा’ प्रदर्शनी का सोमवार को आगाज हुआ। मुख्य अतिथि नेहरू बाल साहित्य अकादमी के अध्यक्ष इकराम राजस्थानी थे। सात दिवसीय प्रदर्शनी में 87 कलाकार की 130 से अधिक पेंटिंग और 18 स्कल्पचर डिस्प्ले किए गए है। प्रदर्शनी के क्यूरेटर अमित हारित ने बताया कि वरिष्ठ और युवा कलाकारों ने अपनी कला के जरिए विभिन्न रंगों से नेचर, बादल, लोगों की एक्टिविटी, साइकिल, घड़ी सहित अन्य विषय की खूबसूरती को कैनवास पर उकेरा है।
वेस्ट कपड़ों से बनाया फिल्मी शहंशाह
प्रदर्शनी में हिमानी गहलोत की बनाई हुई पेंटिंग भी डिस्प्ले की गई है, जो नेचर की खूबसूरती को बयां कर रही है। वहीं आर्टिस्ट कोशिक की बनाई कलाकृति प्रदर्शनी में आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। इन्होंने वेस्ट कपड़ों को सिलकर फिल्म शहंशाह और दिलवाले का पोस्टर बनाने की कवायद की है।
Updated on:
24 Jul 2023 11:11 pm
Published on:
24 Jul 2023 11:05 pm
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