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हम से नहीं तो कम से कम भगवान से तो डरो- सीएम

उपखंड, जिला स्तर पर लोगों की समस्याओं का निदान हो जाए तो लोग जयपुर आएं ही नहीं

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हम से नहीं तो कम से कम भगवान से तो डरो- सीएम

हम से नहीं तो कम से कम भगवान से तो डरो- सीएम


मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुरूवार को प्रदेश के अफसराें के साथ ढाई घंटे तक वीसी के माध्यम से लम्बी चर्चा की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से जनता की समस्याओं का समय पर निदान करने के निर्देश तो दिए ही साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया कि हम से नहीं तो कम से कम भगवान से तो डरें। हम तक आपकी कोई बात नहीं आएगी, हम भले ही उसे नहीं देख पाएं। लेकिन, एक ऐसी शक्ति तो सब कुछ देख ही रही है। इसलिए कम से कम उस शक्ति का तो ख्याल रखें। भगवान से कुछ नहीं छुपा है।

सीएम भजन लाल शर्मा जयपुर से प्रदेश भर के वरिष्ठ आईएएस अफसर, जिला कलक्टर, एसपी, उपखंड अधिकारियों के साथ वीसी के माध्यम से चर्चा की। यह बैठक शाम छह बजे शुरू हुई जो रात्रि करीब साढ़े आठ बजे तक चली। इस दौरान उन्होंने बिजली, पानी, अवैध खनन पर ज्यादा फोकस रखा। उन्होंने कहा कि यदि लोगों की शिकायतें उपखंड-जिला स्तर पर ही दूर हो जाएं, तो उन्हें जयपुर आना ही नहीं पड़े। मेरे पास प्रतिदिन जनसुनवाई में दूर-दूर से लोग अपनी शिकायत लेकर आ रहे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कलक्टर-एसपी से कहा कि आप लोग मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक की नजरों से तो बच सकते हो, लेकिन भगवान की नजर से नहीं बच सकते। इसलिए समय पर कार्यालय आएं और लोगों की समस्याओं का निदान करें।

यह निर्देश दिए सीएम ने
- सभी अधिकारी सुबह समय पर कार्यालय आएं और पूरे दिन कार्यालय में रहें।

- अवैध खनन का अभियान भले ही पूरा हो चुका है, लेकिन अवैध खनन माफियाओं पर कार्रवाई रुकनी नहीं चाहिए।
- अपराधियों पर सख्ती हो, जिससे भयमुक्त माहौल बने।

- लोगों की समस्याओं का निदान करें, जिससे उन्हें जयपुर नहीं आना पड़े।
- भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएं।

- नियमित रूप से जनसुनवाई सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
- हर घर नल से जल हमारी प्राथमिकता, जल जीवन मिशन को गति दें।

- राजस्व से संबंधित लंबित मामलों को जल्द सुलझाने के प्रयास करें।
- लंबित मामलों की सूची बनाकर उनकी नियमित मॉनिटरिंग करें।

- कलक्ट्रेट, उपखंड कार्यालयों, तहसील कार्यालयों और नगरपालिकाओं में ई-फाइल प्रणाली को क्रियान्वित करें, ताकि अधिकतम फाइलों का निपटारा हो।
- किसानों को रबी सीजन में सुचारू रूप से बिजली की उपलब्धता रहे।

- गर्मी के मौसम में पेयजल व्यवस्था की तैयारियां समय पर पूरी हों।
- समय-समय पर चिकित्सालयों व विद्यालयों का औचक निरीक्षण हो।

- निरक्षरता को घटाने का प्रयास करें तथा शिक्षा की गुणवत्ता की समीक्षा करें।
- नियमित रूप से श्रीअन्नपूर्णा रसोई का भी औचक निरीक्षण किया जाए।

- पानी की चोरी तथा अवैध कनेक्शन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।
- आमजन को त्वरित न्याय मिले और सुगमता से उसकी एफआईआर दर्ज हो।

- पुलिस थानों में पीड़ित लोगों के लिए सकारात्मक वातावरण बनें, पीड़ित के साथ संवेनदशीलता के साथ व्यवहार किया जाए।
- सोशल मीडिया की वजह से उत्पन्न होने वाली अप्रिय स्थिति को रोकने पर भी ध्यान केन्द्रित करें।

- महिलाओं और बच्चों के प्रति होने वाले अपराधों पर लगाम लगाने के लिए विशेष मुस्तैदी बरती जाए। -

- पुलिस की कार्यशैली को आधुनिक, पब्लिक फ्रेंडली एवं प्रो-एक्टिव बनाएं।
- जिला पुलिस अधीक्षक थानों का निरीक्षण करें तथा नियमित रूप से सीएलजी की बैठक करें।

- जेलोें में बंद अपराधियों द्वारा गैंग ऑपरेशन पर रोक लगाई जाए।
- प्रदेशभर की जेलों का औचक निरीक्षण किया जाए।

- जेलों में मोबाइल के उपयोग पर प्रभावी रोक लगाई के लिए अत्याधुनिक जैमर लगाए जाएं।
- अन्य राज्यों से आने वाले अपराधियों व अवैध हथियारों की रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाएं।

- लम्बे समय से जमे अधिकारियों को हटाएं।


कलक्टर बिजली को लेकर बोले, तो उच्च अधिकारियों ने टोका

वीसी के दौरान नागौर कलक्टर से कृषि के लिए बिजली देने का टाइम पूछा तो छह की जगह वे 9 घंटे बोल गए। इस पर सीएम ने कहा कि शायद आपको ध्यान नहीं है। मुख्य सचिव ने भी कलक्टर को टोक दिया और कहा कि ठीक से पता करें कि कितने घंटे बिजली आ रही है। सोमवार को होने वाली जिला स्तरीय बैठक नियमित रूप से करें, जिससे जिले की िस्थति के बारे में पता चले। झालावाड़ कलक्टर से भी कई मुद्दों पर सीएम की बात हुई।


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