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राज्य में बजरी का अवैध खनन सभी खनिजों पर भारी, सख्ती से चले अभियान तो ही माफिया पर लगाम

प्रदेश में बजरी के अवैध खनन में ट्रैक्टर-ट्रॉली बड़ा सहारा बन गए हैं। इनके जरिए बनास व अन्य नदियों से बजरी निकाली जा रही है। ट्रैक्टर-ट्रॉली से पहले नदी के आसपास के क्षेत्र में स्टॉक किया जाता है। उसके बाद यह ट्रकों में भरी जाती है। ट्रैक्टर-ट्रॉलियां माफिया की देखरेख में चलने के साथ ही स्थानीय नेताओं का भी इन्हें सपोर्ट मिल रहा है। पूरे रास्ते पुलिस की निगरानी में ट्रक रहते हैं। बाकायदा इनकी एंट्री हाईवे स्थित थानों पर होती है। इस एंट्री के आधार पर प्रति ट्रक-ट्रॉली ‘सेवा’ शुल्क लिया जाता है। यह पूरी जानकारी पुलिस और खान विभाग के अधिकारियों को है।

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जयपुर

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GAURAV JAIN

Apr 07, 2025

बजरी अवैध खनन में ट्रैक्टर-ट्रॉली की बड़ी भूमिका

बनास व अन्य नदियों से बजरी ट्रैक्टर-ट्रॉली से बाहर लाकर फिर भरी जा रही ट्रकों में

हाईवे पर हर पुलिस थाने में ट्रकों की हो रही एन्ट्री, पर ‘सेवा’ के चलते सब माफ

जयपुर. प्रदेश में बजरी के अवैध खनन में ट्रैक्टर-ट्रॉली बड़ा सहारा बन गए हैं। इनके जरिए बनास व अन्य नदियों से बजरी निकाली जा रही है। ट्रैक्टर-ट्रॉली से पहले नदी के आसपास के क्षेत्र में स्टॉक किया जाता है। उसके बाद यह ट्रकों में भरी जाती है। ट्रैक्टर-ट्रॉलियां माफिया की देखरेख में चलने के साथ ही स्थानीय नेताओं का भी इन्हें सपोर्ट मिल रहा है। पूरे रास्ते पुलिस की निगरानी में ट्रक रहते हैं। बाकायदा इनकी एंट्री हाईवे स्थित थानों पर होती है। इस एंट्री के आधार पर प्रति ट्रक-ट्रॉली ‘सेवा’ शुल्क लिया जाता है। यह पूरी जानकारी पुलिस और खान विभाग के अधिकारियों को है।

अवैध खनन के मुकाबले कार्रवाई बहुत कम

प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2024-25 में सभी खनिजों के अवैध खनन के 8829 (15 मार्च तक) मामले दर्ज हुए हैं। पांच सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो हर साल 9 हजार से 13 हजार से भी ज्यादा तक मामले दर्ज हुए हैं। समस्त खनिजों में अकेले बजरी के मामलों को देखा जाए तो वित्तीय वर्ष 2024-25 में 4313 (15 मार्च तक) मामले दर्ज हुए हैं। जो समस्त खनिजों के दर्ज मामलों के मुकाबले लगभग आधे हैं। जानकारों के अनुसार ये तो दर्ज मामले हैं। दरअसल इससे कहीं अधिक संख्या में अवैध खनन हो रहा है। वहीं, पुलिस कार्रवाई दिखावे की होती है।

सख्ती से चले अभियान तो ही बंद होगा अवैध खनन

खनिज कारोबार से प्रदेश के कई जनप्रतिनिधि और नौकरशाह भी जुड़े हुए हैं। इससे अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई जब भी हुई तो कुछ दिन बाद ही बंद हो गई। प्रदेश में आठ-दस वर्ष पहले कार्रवाई के लिए आरएसी बटालियन के साथ पुलिस के उच्चाधिकारी तैनात किए गए, लेकिन कुछ दिन की कार्रवाई के बाद धीरे-धीरे सभी को हटा दिया गया। अब राज्य सरकार ने फिर अभियान चलाया है। इसमें सख्ती हमेशा के लिए जारी रही तो अवैध खनन पर लगाम लग सकती है।

85 हजार का आ रहा ट्रोला

जयपुर में ओवरलोड भरकर आ रहे ट्रोले में करीब 65 टन बजरी आ रही है। बजरी का भाव 1300 रुपए टन के आसपास चल रहा है। इस तरह एक ट्रोला करीब 85 हजार रुपए में आ रहा है।


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