
बाल पंचायत में बताई गई ऑडिट की अहमियत, फिर कराया गया विधानसभा संग्रहालय विजिट
जयपुर। राजधानी जयपुर में पहली बार आयोजित हुए "बाल सरपंच" अधिवेशन में एडमा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अजमेर नगर नियम के पूर्व आयुक्त राजनारायण शर्मा ने पंचायत व्यवस्था में बच्चों के अधिकारों के साथ ही ऑडिट की अहमियत बताई। उन्होंने ‘राजनीति में प्रशासन कैसे तालमेल बैठाए’ इस विषय पर बच्चों को संबोधित करते हुए रखते हुए ऑडिट, आरटीआई जैसे कई अधिनियमों की जानकारी दी। जिनसे बच्चे अपने ग्राम का विकास सुनिश्चित कर सकते हैं। बच्चों ने इस अधिवेशन में अपने सवाल भी मुख्य अतिथि से पूछे, जिनके जवाब उन्होंने बड़ी ही सरलता से दिए। वहीं, ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग की सचिव मंजू राजपाल ने ग्रामीण विकास में बच्चों की भूमिका बताई।
बता दें कि डिजिटल बाल मेला और यूनिसेफ द्वारा शुरू किए गए अभियान "मैं भी बाल सरपंच" द्वारा आयोजित इस तीन दिवसीय बाल सरपंच अधिवेशन में राजस्थान के सभी संभागों के चयनित बाल प्रतिनिधि शामिल हुए है।
यह बच्चे इनके ग्राम में लगी "बाल पंचायत" चुनकर आए है। उन्होंने पंचायत व्यवस्था की तकनीकी समस्या को विस्तार पूर्वक समझाया। इस मौके पर फ्यूचर सोसायटी से अंजना शर्मा और जयपुर शहर की अतिरिक्त जिला कलेक्टर अमृता चौधरी भी मौजूद रहीं।
सरकार को दिए गए सुझाव
इधर, आज इन बाल प्रतिनिधियोें ने राजस्थान सरकार के सामने सुझाव पत्र पेश किया। जिसमें बच्चों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने हेतु सरकार का ध्यानाकर्षण किया गया। इस प्रस्ताव में वह मुद्दे उठाए गए, जो 10 "बाल पंचायतों" में बाल दावेदारों द्वारा उठाए गए थे और जिनकी बच्चों के जीवन में अहमियत है। डिजिटल बाल मेला का नवाचार रखने वाली जान्हवी शर्मा बताया कि इस बाल अधिवेशन में आए बच्चों ने विधानसभा संग्रहालय, इंदिरा गांधी पंचायत राज भवन, विधानसभा, अल्बर्ट हॉल की विजिट की। मंगलवार को बाल पंचायत का समापन होगा।
Published on:
26 Dec 2022 06:10 pm
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