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मायड़भाषा राजस्थानी की अनदेखी, 13 क्षेत्रीय भाषाओं में होगी एसएससी मल्टी-टास्किंग स्टाफ परीक्षा

राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में स्थान दिलवाने की मांग लगातार जोर पकड़ रही है, वहीं अब कर्मचारी चयन आयोग आठवीं अनुसूची में शामिल सभी 22 भाषाओं में परीक्षा करवाने की तैयारी कर रहा है। एसएससी पहली बार हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में ‘मल्टी टास्किंग (नॉन-टेक्निकल) स्टाफ एग्जामिनेशन’, 2022 आयोजित करेगा।

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जयपुर

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Amit Purohit

Jan 21, 2023

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प्रतीकात्मक तस्वीर

पहली बार, कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में मल्टी-टास्किंग (गैर-तकनीकी) स्टाफ परीक्षा, 2022 (Multi Tasking (Non-Technical) Staff Examination', 2022) आयोजित करेगा। जिन 13 अतिरिक्त क्षेत्रीय भाषाओं में अब परीक्षा दी जा सकती है, वह उर्दू, तमिल, मलयालम, तेलुगु, कन्नड़, असमिया, बांग्ला, गुजराती, कोंकणी, मणिपुरी (मैतेई), मराठी, उड़िया और पंजाबी है। यह विभिन्न राज्यों, विशेष रूप से दक्षिण भारत के उम्मीदवारों की लंबे समय से लंबित मांग को पूरा करेगा। ऐतिहासिक और पारंपरिक रूप से बहुत समृद्ध होने के बावजूद राजस्थानी इससे वंचित है क्योंकि वह संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं है।

केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि यह कदम नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को एक समान अवसर प्रदान करने के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाता है और यह सुनिश्चित करता है कि भाषा की बाधा के कारण किसी को भी नौकरी के अवसर से वंचित न रखा जाए। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं की योजना और पाठ्यक्रम और वह माध्यम जिसमें परीक्षा करवाई जाती है, की समीक्षा करने के लिए, एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। इसने सिफारिश की है कि कई भाषाओं में निचले स्तर के पदों के लिए परीक्षा आयोजित करना उचित होगा, जो कि कुछ भाषाओं के साथ शुरू हो सकता है और फिर धीरे-धीरे संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लिखित सभी 22 भाषाओं को शामिल किया जा सकता है। सरकार ने कमेटी की सिफारिशों को मान लिया है।

राजस्थानी के साथ दोयम व्यवहार:
उधर, साहित्य अकादमी और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राजस्थानी भाषा को एक अलग भाषा के रूप में मान्यता देते हैं। राजस्थानी भाषा राजस्थान राज्य माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में भी पढ़ाई जाती है। फिर भी, राजस्थानी भाषा को अब तक संवैधानिक मान्यता नहीं दी गई है। यह प्रतियोगी परीक्षाओं की भाषा नहीं बन पाई है। लोकसभा के मानसून सत्र में राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में स्थान दिलाने के लिए संविधान संशोधन विधेयक 2022 प्रस्तुत करने वाली राजसमंद सांसद दीयाकुमारी ने इस प्राइवेट बिल में कहा था कि राजस्थानी में दक्ष विद्यार्थी कुशलता से इसका प्रयोग करने में असमर्थ हैं, यह रोजगार के समान अवसर देने वाली भाषा नहीं बन पा रही है। जिसकी सख्त जरूरत है।