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Online summer class: बच्चों ने सीखे थियेटर में कहानियां बुनने के गुर

माइम आर्टिस्ट कुनाल ने मोटलिंग "थियेटर" सेशन का किया संचालन

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जयपुर

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Savita Vyas

Jun 12, 2020

Online summer class: बच्चों ने सीखे थियेटर में कहानियां बुनने के गुर

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जयपुर। जवाहर कला केंद्र के ऑनलाइन लर्निंग-चिल्ड्रंस समर फेस्टिवल में परफर्मिंग आट्र्स सेशन के तहत आज शाम 5 से शाम 6 बजे तक माइम आर्टिस्ट कुनाल ने मोटलिंग "थियेटर" सेशन का संचालन किया। यह सेशन माइम आर्ट और कल्चर पर केंद्रित रहा।

इससे पहले गुरुवार को थियेटर सेशन का संचालन श्रीनगर के निर्देशक, डिजाइनर और विजुलाइजर बंसी कौल ने किया। सेशन में प्रतिभागियों को थियेटर, थियेट्रिक्स के बारे में संक्षिप्त परिचय दिया गया और साथ ही घर में ही नाटक के लिए कहानी बुनने के गुर सिखाए गए।

सेशन की शुरुआत में प्रतिभागियों को थियेटर के बारे में बताया गया कि थियेटर क्या है, स्टोरी कैसे सुनाई जाती है और थियेटर का क्या महत्व है? कलाकार ने बताया कि थियेटर कहानी सुनाने का एक तरीका है। थियेटर का विकास हमेशा बाहर नहीं, बल्कि ज्यादातर यह घरों में और दोस्तों के मध्य शुरू होता है।

उन्होंने आगे कहा कि थियेटर ज्यादा जटिल नहीं होना चाहिए, जिससे किसी को इसे परफ ॉर्म करने में संकोच हो। यह तथ्य समझने की आवश्यकता है कि थियेटर कैसे किसी व्यक्ति के जीवन में रचनात्मकता बढ़ा सकता है। आजकल जब बच्चे घर पर बैठे हैं तो भाई और बहन अपने हाथों को कैरेक्टर्स में बदल सकते हैं और कहानी विकसित कर सकते हैं। इसमें एक हाथ अपनी कहानी दूसरे हाथ से कह सकता है। थियेटर में संवाद करने के लिए हमेशा शब्दों का उपयोग करना आवश्यक नहीं है। कोई अपने हाथों, पैरों, कंधों और यहां तक कि अपने सम्पूर्ण शरीर के माध्यम से भी व्यक्त कर सकता है। यह थियेटर का एक अलग प्रारूप है। कहानी विकसित करने का एक और उदाहरण साझा करते हुएए कलाकार ने कहा कि जब कोई बस से यात्रा कर रहा होता है और खिड़की से बाहर देखता है, तो बाहर की दुनिया दिखाई देती हैं। वह व्यक्ति अपने गंतव्य पर पहुंचने तक अपनी यात्रा और इस दौरान बाहरी दुनिया जैसे कि लोग, दुकानें, चौराहोंए आदि का विश्लेषण कर सकता है। जब यह व्यक्ति इस दुनिया को याद करते हुए कुछ लिखना शुरू करेगा तो एक कहानी विकसित हो जाती ह