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समझ के बाहर हुआ SMS का नया सॉफ्टवेयर IHMS,मरीजों और कर्मचारियों को दे रहा परेशानी,इलाज में हो रही देरी

कहीं जनाधार तो कहीं आधार को वैलिड नहीं बता रहा सॉफ्टवेयर,कर्मचारियों की कम्पयूटर पर माथापच्ची,मरीज को देरी

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Incomprehensible SMS's new software IHMS is causing problems

प्रदेश के सबसे बड़े Sawai Mansingh Hospital (SMS) में मरीजों के रजिस्ट्रेशन के लिए लगाया गया नया सॉफ्टवेयर अभी भी कर्मचारियों के समझ के बाहर हैं।

बार बार सर्वर डाउन होने के कारण अस्पताल में चल रहे 13 साल पुराने आरोग्य सॉफ्टवेयर को बदल कर गत एक माह से अब नया सॉफ्टवेयर काम कर रहा हैं। लेकिन एक माह बाद भी कर्मचारियों और मरीजों के लिए नया आइएचएमएस सॉफ्टवेयर सिरदर्द बना हुआ हैं।

जिस कारण से कम्पयूटर पर बैठे कर्मचारी मरीजों के रजिस्ट्रेशन के लिए माथापच्ची कर रहे है और इस माथापच्ची में लगने वाले समय से मरीजों को इलाज मिलने में देरी हो रही हैं।

जबकि नया सॉफ्टवेयर अस्पताल ने इसलिए अपनाया था कि सिर्फ एक क्लिक पर मरीज की सारी जानकारी सामने हो और तुरंत मरीज का रजिस्ट्रेशन हो सकें।

कर्मचारियों का नए सॉफ्टवेयर पर काम करने का अभ्यास नहीं होेने और सिस्टम पूरी तरह से अपडेट नहीं होने से बिलिंग में समय लग रहा हैं।

IHMS सॉफ्टवेयर पर आधार या जनाधार कार्ड का नंबर डालते ही मरीज के पूरी डिटेल सिस्टम पर होगी। इसमें कम्पयूटर ऑपरेटर का नाम,पिता का नाम या उम्र अलग से नहीं सब्मिट करना होगा।

सारी डिटेल एक आइडी से सॉफ्टवेयर खुद ही एक्सेस कर लेगा। दवा काउंटर से लेकर जांच काउंटर तक एक ही पर्ची से मरीज के सभी काम होेंगे। उसे बार बार बिलिंग में लगने वाले समय से मुक्ति मिलेगी। लेकिन अभी ऐसा नहीं हो रहा है।

अभी सॉफ्टवेयर में कहीं जनाधार तो कहीं आधार को वैलिड नहीं बताया जा रहा है। इससे ऑपरेटर को रजिस्ट्रेशन करने में परेशानी आ रही है।

इलाज के लिए आ रहे मरीज को जब यह बताया जाता है कि आपका कार्ड वैलिड नहीं है तो वह भी तनाव में आ जाता हैं। अभी सिस्टम पूरी तरह अपडेट नहीं होने से इस तरह की परेशानी आ रही हैं।

नया सॉफ्टवेयर डाटा एक्सेस नहीं कर पा रहा है। ऐसे में ऑपरेटर और मरीज को अधिक माथापच्ची करनी पड़ रही है जिससे मरीज को कतार में समय अधिक लग रहा और इलाज में देरी हो रही है। रजिस्ट्रेशन,बिलिंग और जांच रिपोर्ट निकालने तक में परेशानी हो रही है

पहले जांच रिपोर्ट ऑनलाइन मिल जाती थी। लेकिन अब मरीजों की रिपोर्ट अपडेट नहीं होने से वह अस्पताल के काउंटर्स पर चक्कर लगा रहे है।

लैब में नए सिस्टम के शुरू करने से जांच का प्रोसेस थोड़ा बढ़ गया है। ब्लड की सामान्य जांच (सीबीसी, शुगर, एलएफटी-आरएफटी समेत अन्य) करने में 2 स्टेप लगते थे, उसके लिए 5-6 स्टेप में गुजरना पड़ रहा है। इससे समय ज्यादा लग रहा है। इसके साथ ही सॉफ्टवेयर नया है और कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी ठीक नहीं मिली, जिससे जांचों में ज्यादा समय लग रहा है।

अस्पताल प्रशासन का कहना है कि यह स्थिति दिसम्बर माह तक रहेगी। SMS अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अनिल दुबे ने बताया कि अभी तक एसएमएस के ओपीडी, रजिस्ट्रेशन, बिलिंग, इमरजेंसी और आरएमएससीएल द्वारा निर्धारित दवाइयों की सूचना ही नए सिस्टम अपडेट हुई है।

अभी अस्पताल की सभी लैब इससे जुड़ी नहीं है। अभी नया सिस्टम अपडेट होने में समय लगेगा। जल्द स्टाफ को नए सर्वर सिस्टम की ट्रेनिग भी दी जाएगी ताकि कोई समस्या नहीं आए।