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बारिश में फंगल इंफेक्शन का बढ़ता खतरा, यूं बचें

नजरअंदाज करने पर बन सकते हैं परेशानी का सबब, एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस समस्या से बचने के लिए खुद को साफ और सूखा रखना आवश्यक है। इसके साथ ही साबुन के प्रयोग से भी आप खुद को फंगस से संक्रमित होने से बचा सकते हैं। कपड़ों को नियमित रूप से धोएं। बरसात में अगर गीले हो जाएं तो उन्हें फौरन बदल लें। इससे फंगल संक्रमण से बचाव में मदद मिलेगी।  

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बारिश में फंगल इंफेक्शन का बढ़ता खतरा, यूं बचें

बारिश में फंगल इंफेक्शन का बढ़ता खतरा, यूं बचें

जयपुर। बारिश के मौसम में जलवायु गर्म और आर्द्र होती है। इस मौसम में त्वचा का ख्याल रखना बहुत जरूरी है क्योंकि मॉनसून में बैक्टीरियल और फंगल दोनों तरह के संक्रमण (Increased risk of fungal infection in rain) होने का खतरा ज्यादा होता है। शरीर में अलग-अलग जगहों पर इंफेक्शन हो सकता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस समस्या से बचने के लिए खुद को साफ और सूखा रखना आवश्यक है। साथ ही साबुन के प्रयोग से भी फंगस से संक्रमित होने से बचा सकते हैं। कपड़ों को नियमित रूप से धोएं। बरसात में अगर गीले हो जाएं तो उन्हें फौरन बदल लें। इससे फंगल संक्रमण से बचाव में मदद मिलेगी।

यह होता है फंगल इन्फेक्शन
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. अतुल जैन ने बताया कि फंगल इन्फेक्शन (fungal infection) काफी आम होता है। मनुष्यों में, फंगल इन्फेक्शन तब होता है जब फंगस आपके शरीर पर सीधे आक्रमण करती है अगर आपका इम्यून सिस्टम उतना मजबूत नहीं होता कि आपको उस इन्फेक्शन से बचा सके। यह एक ऐसा इन्फेक्शन होता है जो शरीर पर कई प्रकार के फंफूद या कवक के कारण हो जाता है, जिनमे डर्मेटोफाइट्स और यीस्ट प्रमुख होते हैं। फंफूद मृत केराटिन में पनपता है और धीरे धीरे हमारे शरीर के ऐसे स्थानों में फैल जाता है जहाँ थोड़ी नमी होती है जैसे कि जांघों के बीच, पैर की उँगलियों के बीच का हिस्सा, नाखून, जननांग, स्तन इत्यादि।

फंगल इन्फेक्शन के कारण
फंगस अक्सर गर्म और नम वातावरण में बढ़ती है। पसीने से तर या गीले कपड़े पहनना भी आपकी त्वचा के इन्फेक्शन के लिए एक जोखिम कारक है। त्वचा के कटने या फटने से भी बैक्टीरिया त्वचा की गहरी परतों में अंदर तक जा सकता है और विभिन्न प्रकार के इन्फेक्शन हो सकते हैं। लंबे समय तक जूते पहनना, तंग कपड़े पहनना, ज्यादा पसीना आना, कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण भी फंगल इंफेक्शन हो सकता है।

ये होते हैं लक्षण
डॉ. अतुल बताते हैं कि वैसे तो फंगल इन्फेक्शन के लक्षण इसके प्रकार पर निर्भर करते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण जैसे त्वचा में परिवर्तन, जिसमें लाल और संभवत: त्वचा का कटना या छिलना, प्रभावित हिस्से में खुजली होने के लक्षण मरीज को हो सकते हैं। फंगल कई प्रकार के होते हैं जिनके लक्षण और जगह अलग-अलग हो सकते हैं। बारिश में टीनिया वर्सीकोलर, जोक इच (दाद का एक प्रकार), एथलीट फुट, दाद या रिंगवॉर्म, स्कैल्प का दाद और नाखून में भी फंगल इन्फेक्शन हो सकते हैं।

इंफेक्शन की गंभीरता देखते हुए होता इलाज
फंगल इंफेक्शन को खत्म करने के लिए या जल्दी ठीक करने के लिए कई तरह से ट्रीटमेंट किया जा सकता है। डॉ. अतुल ने बताया कि इंफेक्शन का प्रकार और उसकी गंभीरता को देखते हुए इसका इलाज किया जाता है। फंगल इंफेक्शन की गंभीरता से बचने के लिए शुरूआती लक्षणों में ही इसका इलाज ले लिया जाना चाहिए। शुरूआत में इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है। फंगल इंफेक्शन से बचने के लिए पसीने से बचाव, खुले कपड़े पहनना, गीले कपड़ों को सुखाकर रखने जैसे उपाय अपनाएं जा सकते हैं।