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भारत विकासशील देशों के नायक के रूप में उभरा

‘मानव जीवन: वैक्सीन पेटेंट और विश्व व्यापार संगठन’ विषय पर ऑनलाइन व्याख्यान

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जयपुर

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Rakhi Hajela

May 20, 2021

भारत विकासशील देशों के नायक के रूप में उभरा

भारत विकासशील देशों के नायक के रूप में उभरा



जयपुर, 20 मई
राजस्थान विश्वविद्यालय और महाविद्यालय शिक्षक संघ राष्ट्रीय रुक्टा की ओर से बुधवार को ‘मानव जीवन: वैक्सीन पेटेंट और विश्व व्यापार संगठन’ विषय पर ऑनलाइन व्याख्यान आयोजित किया गया। जिसमें गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, नोएडा के कुलपति प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा ने कहा कि कोविड के दौर में भारत विकासशील देशों के नायक के रूप में उभरा है, क्योंकि वैक्सीन के पेटेंट और अन्य मुद्दों पर दुनिया के लगभग सवा सौ देश भारत के साथ खड़े हैं। भारत ने वसुधैव कुटुम्बकम की भावना का प्रदर्शन करते हुए वैक्सीन व औषधि विज्ञान के तहत आविष्कृत किए गए सभी उत्पादों पर विश्व के सभी देशों का समान अधिकार होने की अवधारणा को पुष्ट किया है। भारत के प्रस्ताव पर ही विश्व व्यापार संगठन में कोरोना के टीकों को सर्वसुलभ किए जाने पर सहमति बनी है। अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया नहीं चाहते थे कि कोविड के टीके सर्वसुलभ हों, लेकिन भारत के साथ खड़े सौ से अधिक देशों के प्रतिनिधियों, सैंकड़ों अमेरिकी सांसदों, साठ पूर्व राष्ट्राध्यक्षों और बड़ी संख्या में नोबल पुरस्कार विजेताओं के दबाव में उन्हें झुकना पड़ा। इसी कारण कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कम्पनियां अपने पेटेंट कराने पर पुनर्विचार हेतु प्रेरित हुई हैं। मानवता के हित में आज नहीं तो कल दवा बनाने वाली कम्पनियों को भी यह काम करना पड़ेगा।
देश में सकारात्मक वातावरण बनाना जरूरी
प्रो. प्रसाद ने कहा कि भारतीय संविधान में नागरिकों को जीवन जीने का जो मौलिक अधिकार प्राप्त है, उसके समक्ष पेटेंट के अधिकार का कोई मोल नहीं है, यह बात भारत पूरी दुनिया को समझाने में सफल रहा है। विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कानूनों और उनके संबंध में हुए विभिन्न सम्मेलनों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अभी हमें बहुत लंबा सफर तय करना है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि हम देश में सकारात्मक वातावरण बनाए रखें। क्षुद्र स्वार्थों के लिए भारत की उपलब्धियों और इसके प्रयासों का राजनैतिक दृष्टि से विरोध करने वाले लोगों को चाहिए कि वह भारत की बढ़ रही अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने का कार्य न करें, क्योंकि उनके इस नकारात्मक आचरण से पूरी मानवता आहत होती है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए रुक्टा राष्ट्रीय के प्रदेश महामंत्री डॉ. सुशील बिस्सु ने कहा कि संगठन से जुड़ा हर शिक्षक कोरोना महामारी से निपटने के लिए तन, मन और धन से समर्पित है और भविष्य में भी रहेगा। धन्यवाद ज्ञापन प्रदेश संगठन मंत्री डॉ. दिग्विजय सिंह ने किया। प्रारम्भ में ईश वंदना डॉ. राजेश जोशी ने की। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के संयुक्त सचिव डॉ. नारायण लाल गुप्ता कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।