राजस्थान उन प्रमुख राज्यों में शामिल हैं, जो राष्ट्रपति चुनने में सबसे ज्यादा वोट देने की भूमिका में रहते हैं। राजस्थान राष्ट्रपति चुनावाें में वोट वैल्यू के हिसाब से दसवें नम्बर का राज्य है। राजस्थान से ज्यादा वोट वैल्यू आंध्रप्रदेश, बिहार, गुजरात, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडू, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल राज्यों की है। देश में सबसे ज्यादा वोट वैल्यू वाला राज्य उत्तर प्रदेश है, वहीं सबसे कम वोट वैल्यू सिक्किम की है।
1952 से लेकर अब सिर्फ एक बार ही निर्विरोध चुने गए राष्ट्रपति देश में जब भी राष्ट्रपति चुनाव होते हैं, केन्द्र में सत्ता धारी दल की कोशिश होती है कि राष्ट्रपति निर्विरोध चुना जाए। इसके लिए आम राय बनाने की कोशिश भी की जाती है। लेकिन, 1952 से लेकर अब तक हुए 15 चुनावों में सिर्फ एक बार ही ऐसा हुआ है, जब देश में राष्ट्रपति निर्विरोध चुने गए हों। 1977 में नीलम संजीव रेड्डी ही ऐसे राष्ट्रपति रहे, जिन्हें निर्विरोध राष्ट्रपति चुना गया था। 1977 के चुनाव में रेड्डी के अलावा 36 अन्य ने भी नामांकन दाखिल किए थे, लेकिन सभी के नामांकन खारिज हो गए।
राजेन्द्र प्रसाद रहे सबसे ज्यादा समय राष्ट्रपति देश में अब तक एक ही ऐसे राष्ट्रपति रहे हैं , जिन्हें फिर से राष्ट्रपति बनने का मौका मिला। 1952 में डाँ राजेन्द्र प्रसाद राष्ट्रपति चुने गए। इसके बाद 1957 में फिर से उन्हें राष्ट्रपति चुना गया। डाँ.राजेन्द्र प्रसाद इससे पहले 1950 में भी राष्ट्रपति बनाए गए थे। इनके अलावा डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉ . जाकिर हुसैन, वी वी गिरी, फकरूद्दीन अली अहमद, नीलम संजीव रेड्डी, ज्ञानी जेल सिंह, आर वेंकटरमन, शंकर दयाल शर्मा, के आर नारायणन, ए पी जे अब्दुल कलाम, प्रतिभा देवी सिंह पाटील, प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति का एक ही कार्यकाल मिला। रामनाथ कोविंद 2017 में पहली बार राष्ट्रपति चुने गए।
सर्वाच्च पद पर पहुंचने वालों में राजस्थान की बहू भी देश में राष्ट्रपति के पद पर पहुंचने वालों में राजस्थान की बहू का नाम भी शामिल हैं। राजस्थान की बहू प्रतिभा देवी सिंह पाटील 2007 में राष्ट्रपति चुनी गई थीं। प्रतिभा देवी सिंह पाटील का ससुराल सीकर जिले में हैं। प्रतिभा देवी सिंह पाटील को राजस्थान के ही पुत्र भैरों सिंह शेखावत ने राष्ट्रपति चुनाव में टक्कर दी थी। स्व शेखावत उस समय उपराष्ट्रपति थे।
राजस्थान के सांसद-विधायकों की वोट वैल्यू 50 हजार 300
राष्ट्रपति चुनावों में सांसद और विधायक को वोट देने का अधिकार है। यदि चुनाव होते हैं तो लोकसभा और राज्यसभा के 776 सांसद एवं राज्यों की विधानसभा के 4 हजार 33 विधायक वोट देते हैं। 1971 की जनगणना के अनुसार वोटों की गणना होती है। राजस्थान में 200 विधायकों के वोट की कुल वैल्यू 25 हजार 800 है। एक वोट की वैल्यू 129 मानी गई है। इसी तरह प्रदेश के 35 राज्यसभा-लोकसभा सांसदों की वोट वैल्यू 24 हजार 500 है। एक सांसद के वोट की वैल्यू 700 मानी गई है। राष्ट्रपति चुनावों में राजस्थान के जो सांसद और विधायक वोट देते हैं, उनकी वोट वैल्यू इन चुनावों में 50 हजार 300 होगी। राष्ट्रपति चुनावों में देश के सांसदों और विधायकों के वोट की कुल वैल्यू 10 लाख 86 हजार 431 मानी गई है।
राष्ट्रपति चुनावों में सांसद और विधायक को वोट देने का अधिकार है। यदि चुनाव होते हैं तो लोकसभा और राज्यसभा के 776 सांसद एवं राज्यों की विधानसभा के 4 हजार 33 विधायक वोट देते हैं। 1971 की जनगणना के अनुसार वोटों की गणना होती है। राजस्थान में 200 विधायकों के वोट की कुल वैल्यू 25 हजार 800 है। एक वोट की वैल्यू 129 मानी गई है। इसी तरह प्रदेश के 35 राज्यसभा-लोकसभा सांसदों की वोट वैल्यू 24 हजार 500 है। एक सांसद के वोट की वैल्यू 700 मानी गई है। राष्ट्रपति चुनावों में राजस्थान के जो सांसद और विधायक वोट देते हैं, उनकी वोट वैल्यू इन चुनावों में 50 हजार 300 होगी। राष्ट्रपति चुनावों में देश के सांसदों और विधायकों के वोट की कुल वैल्यू 10 लाख 86 हजार 431 मानी गई है।
प्रदेश में भाजपा की वोट वैल्यू ज्यादा यदि राष्ट्रपति चुनाव हाेते हैं तो राजस्थान में भाजपा के सांसद और विधायकों की वोट वैल्यू कांग्रेस सांसद-विधायक एवं उनके समर्थक विधायकों से ज्यादा है। भाजपा के सांसद-विधायकों की वोट वैल्यू 29 हजार 459 है, जबकि कांग्रेस के सांसद-विधायकों की वोट वैल्यू 18 हजार 132 है। 21 अन्य दल एवं निर्दलीय विधायकों की वोट वैल्यू 2 हजार 709 होती है।