योजना के पहले चरण में 25 हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। दावा है कि इस लिंक पर चलने वाली ट्रेनों की गति लगभग 100 किमी प्रति घंटे होगी। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट एनसीआर परिवहन निगम की ओर से तीन महीने में तैयार होगी। परियोजना का भौतिक काम मार्च 2019 तक शुरू होने की संभावना है। इस प्रोजेक्ट के लिए हरियाणा सरकार ने हाल ही में इस मार्ग में कुछ संशोधन किया है।
राजस्थान में ट्रनों में सफर करने वालों यात्रियों की लिए अच्छी खबर यह है कि रेलवे बोर्ड की सख्ती के बाद अब रेल प्रशासन ने ट्रेनों की लेटलतीफी को दुरुस्त करने की दिशा में प्रयास शुरू किए हैं। जिससे रेल यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। बोर्ड ने ट्रेनों की लेटलतीफी से अधिकारियों की पदोन्नति को जोडऩे का संकेत दिया तभी से मशक्कत तेज हो गई। रेलवे बोर्ड ने टे्रन सिग्नल रजिस्टर के कम्प्यूटरीकरण के कार्य को मंजूरी दी है। जिसके चलते अब ट्रेनों की लेटलतीफी पर लगाम लगने की उम्मीद जताई जा रही है।
इस व्यवसथा से स्टेशन मास्टर स्वयं ही कम्प्यूटर पर टे्रनों के आगमन एवं प्रस्थान का समय दर्ज कर सकेंगे। अभी ट्रेनों का समय हर रेल मंडल स्थित कंट्रोलर फीड करते हैं। कंट्रोलर गाडिय़ों के स्टेशन पर पहुंचने और प्रस्थान करने का समय जानने के लिए स्टेशन मास्टर से संपर्क में रहते हैं। इससे रीयल टाइम पर अपडेट नहीं होता।