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‘इतिहास’ रचकर लौट रही है INSV Tarini

हौसले को सलाम : तूफान, ऊंची लहरों, और खराब मौसम के बावजूद बढ़ती रही टीम। 17,000 समुद्री मील की दूरी तय कर लेगी पुणे पहुंचकर।

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जयपुर

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Aryan Sharma

May 07, 2023

INSV Tarini

INSV Tarini

नई दिल्ली. भारतीय नेवल सैलिंग वेसल INSV Tarini इतिहास रचकर छह महीने बाद भारत लौट रही है। इसने 17 नवंबर, 2022 को गोवा में यात्रा शुरू की थी। अब 24 मई को उसी स्थान पर यात्रा पूरी होने की संभावना है। इस अभियान के दौरान तारिणी ने 'केप टू रियो रेस 2023' में भाग लिया। यह दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन से होते हुए ब्राजील के रियो डी जेनेरियो तक पहुंची। भारतीय तट पर लौटने के साथ ही यह 17,000 समुद्री मील की दूरी तय कर लेगी।

नौसेना के एक अधिकारी ने बताया कि महासागरीय अंतरद्विपीय यात्रा के अभियान के दौरान तारिणी ने तूफानों, ऊंची लहरों और खराब मौसम का सामना किया, लेकिन यह सब इसमें सवार दो महिलाओं समेत छह अधिकारियों के उत्साह, धैर्य और दृढ़ संकल्प को डिगा नहीं सका। नौकायन दौड़ के 50वें संस्करण को दो जनवरी को केपटाउन से हरी झंडी दिखाई गई थी। यह सबसे प्रतिष्ठित ट्रांस-अटलांटिक महासागर दौड़ में से एक है। पिछले साल भारतीय नौसेना की ऑल वीमन क्रू सदस्यों ने डोनियर-228 विमान के जरिए उत्तरी अरब सागर का निगरानी मिशन पूरा कर इतिहास रचा था।

सीमैनशिप स्किल की ट्रेनिंग के लिए ड्रिल
आईएनएसवी तारिणी का नेतृत्व कैप्टन अतुल सिन्हा कर रहे हैं। टीम में लेफ्टिनेंट कमांडर आशुतोष शर्मा, लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के., लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए. और एसएलटी अविरल केशव शामिल हैं। नौसेना की इस ड्रिल का मकसद वेसल पर चालक दल को नेविगेशन, संचार, तकनीक, योजना और सीमैनशिप स्किल की ट्रेनिंग देना है। मौजूदा अभियान दो महिला अधिकारियों के प्रशिक्षण में मील का पत्थर है।

आईएनएसवी तारिणी इसलिए भी मशहूर
आईएनएसवी तारिणी को 2017 में 'नाविका सागर परिक्रमा' नाम के ऐतिहासिक अभियान के लिए जाना जाता है। इस अभियान में सिर्फ महिला अधिकारियों की टीम ने दुनियाभर का भ्रमण किया था। भारतीय नौसेना नियमित रूप से सागर परिक्रमा जैसे नौकायन अभियानों में भाग लेती रही है।