6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Indian Railway : अब बिजली और डीजल से नहीं, हाइड्रोजन से चलेगी भारतीय रेल

अब तक आपने देखा होगा कि भारतीय रेलवे की ट्रेन कोयले, डीजल या फिर बिजली से चलती है लेकिन अब हाइड्रोजन से चलेगी। रेलवे बोर्ड ने नेशनल हाइड्रोजन एनर्जी मिशन के तहत अब दो ट्रेनों को हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलाने का फैसला किया है। इसके लिए रेलवे ने परीक्षण के लिए सोनीपत और जींद सेक्शन को चुना है। इंडियन रेलवे ऑर्गनाइजेशन ऑफ अल्टरनेट फ्यूल ने 89 किलोमीटर के सेक्शन के लिए बोली मंगा ली है।

less than 1 minute read
Google source verification

जयपुर
अब तक आपने देखा होगा कि भारतीय रेलवे की ट्रेन कोयले, डीजल या फिर बिजली से चलती है लेकिन अब हाइड्रोजन से चलेगी। रेलवे बोर्ड ने नेशनल हाइड्रोजन एनर्जी मिशन के तहत अब दो ट्रेनों को हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलाने का फैसला किया है। इसके लिए रेलवे ने परीक्षण के लिए सोनीपत और जींद सेक्शन को चुना है। इंडियन रेलवे ऑर्गनाइजेशन ऑफ अल्टरनेट फ्यूल ने 89 किलोमीटर के सेक्शन के लिए बोली मंगा ली है।


रेलवे बोर्ड अधिकारियों ने बताया कि दो डीजल से संचालित ट्रेनों के रैक में बदलाव किया जाएगा।इसके बाद में नैरो गेज के इंजन हाइड्रोजन फ्यूल सेल सिस्टम में तब्दील किए जाएंगे। इससे सालाना रेलवे के 2.3 करोड़ रुपये बचेंगे। इतना नहीं ही नहीं हर साल 11.12 किलो टन नाइट्रोजन डाई आक्साइड और 0.72 किलो टन कार्बन कणों का उत्सर्जन कम होगा।


गौरतलब है कि दुनिया में यह अब तक का सबसे ज्यादा स्वच्छ ऊर्जा मॉडल माना गया है। अगर यह प्रयोग सफल रहता है तो फिर रेलवे डीजल के सभी इंजन को हाइड्रोजन फ्यूल सेल में बदल दिया जाएगा। हाइड्रोजन फ्यूल सेल सुसज्जित ट्रेन के लिए बोलियां 21 सितंबर 2021 से शुरू होंगी और 5 अक्टूबर तक चलेंगी।


उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट शशिकिरण ने बताया कि जर्मनी में यह प्रयोग बेहद ही सफल है और यह अब तक सबसे स्वच्छ ईधन हैं। हाइड्रोजन फ्यूल ग्रीन एनर्जी में सबसे बेहतर मानी जाती है। इसे पानी को सोलर एनर्जी से विद्युत अपघटन करके पैदा किया जा सकता है।