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देश का पहला वर्टिकल ब्रिज पहुंचा पूर्णता के नजदीक

हाइटेक इंजीनियरिंग : 81% काम पूरा, तीर्थ नगरी रामेश्वरम पहुंचना होगा और आसानऊपर दौड़ेंगी ट्रेन, नीचे से गुजर सकेंगे समुद्री जहाज

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जयपुर

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Aryan Sharma

Oct 28, 2022

देश का पहला वर्टिकल ब्रिज पहुंचा पूर्णता के नजदीक

देश का पहला वर्टिकल ब्रिज पहुंचा पूर्णता के नजदीक

चेन्नई. तमिलनाडु में बन रहे देश के पहले वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज का 81 फीसदी काम पूरा हो चुका है। तीर्थ नगरी रामेश्वरम को समुद्र के रास्ते देश से जोड़ने वाला पंबन ब्रिज 100 साल से ज्यादा पुराना हो गया है। इसके बगल में नया ब्रिज बनाया जा रहा है। यह देश का पहला ऐसा ब्रिज होगा, जो बीच से ऊपर उठ जाएगा और उसके नीचे से समुद्री जहाज गुजर सकेंगे।

पंबन ब्रिज मंडपम शहर को पंबन द्वीप और रामेश्वरम से जोड़ता है। नया पुल हाइटेक इंजीनियरिंग का नमूना है। इसमें 18.3 मीटर के 100 स्पैन और 63 मीटर के नेविगेशनल स्पैन होंगे। यह मौजूदा पुल से तीन मीटर ऊंचा होगा, ताकि जहाज आसानी से गुजर सकें। पुराना पंबन पुल 24 फरवरी, 1914 को शुरू किया गया था। अब इसकी हालत ठीक नहीं है। इस पर सिर्फ 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलाई जा रही हैं। नए पुल की अनुमानित लागत 560 करोड़ रुपए है। जहाजों के क्रॉस-नेविगेशन के लिए नए पुल में वर्टिकल लिफ्ट स्पैन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।

आठ गुना बढ़ जाएगी ट्रेनों की रफ्तार
वर्ष 1964 में समुद्री तूफान में पुराना पंबन ब्रिज क्षतिग्रस्त हो गया था। इसका कुछ हिस्सा समुद्र में बह गया। तब ई. श्रीधरन ने मरम्मत करवाकर इसे मजबूती दी थी। आज भी ट्रेन इसी पुल के जरिए रामेश्वरम पहुंचती हैं। ब्रिज से रोज 12 जोड़ी ट्रेनें गुजरती हैं। समुद्र के खारे पानी के कारण इसमें जंग लगने लगा है। नए ब्रिज पर ट्रेनें 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेंगी।

तेज हवाओं पर करेगा अलर्ट
बंगाल की खाड़ी में बार-बार तूफान आते हैं। इसे देखते हुए ब्रिज के स्तंभों में स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल किया जा रहा है। ब्रिज 2.05 किलोमीटर लंबा होगा। यह ऐसी टेक्नोलॉजी से लैस होगा कि तेज रफ्तार से हवाएं चलने पर ऑटोमैटिक तरीके से अलर्ट सिग्नल जारी हो जाएगा।