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अरावली की पहाडिय़ों में बनेगी देश की पहली Double Train Tunnel

बड़ा प्रोजेक्ट : 4.7 किलोमीटर लंबी टनल से एक साथ गुजर सकेंगी दो ट्रेन। वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के तहत 2026 तक तैयार होने के आसार।

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जयपुर

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Aryan Sharma

May 03, 2023

अरावली की पहाडिय़ों में बनेगी देश की पहली डबल रेल सुरंग

अरावली की पहाडिय़ों में बनेगी देश की पहली डबल रेल सुरंग

नई दिल्ली. मनाली से लाहौल स्पीति घाटी तक दुनिया की सबसे लंबी सड़क सुरंग के बाद अब देश में ट्रेनों के लिए पहली डबल सुरंग बनाने की तैयारी चल रही है। अरावली की पहाडि़यों में बनने वाली यह सुरंग 4.7 किलोमीटर लंबी और 25 मीटर ऊंची होगी। इससे दो ट्रेन एक साथ गुजर सकेंगी। इसका निर्माण हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एचआरआइडीसी) करेगा।
डबल सुरंग वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के तहत बनेगी। यहां से हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (एचओआरसी) पर चलने वाली डबल डेकर मालगाडिय़ां और यात्री ट्रेनें गुजरेंगी। यह रास्ता सोहना और मानेसर के रास्ते पलवल व सोनीपत को जोड़ता है। यह रेल गलियारा मुख्य रूप से मानेसर और सोहना जैसे दक्षिण हरियाणा के औद्योगिक केंद्रों के साथ-साथ सोनीपत में खरखौदा के लिए फायदेमंद होगा। खरखौदा भविष्य का ऑटोमोबाइल केंद्र है, जहां मारुति ने नया विनिर्माण संयंत्र स्थापित किया है। सूत्रों के मुताबिक, ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे के साथ बनाया जा रहा है।

डीपीआर तैयार, चुनौतियों पर हुई चर्चा
एचआरआइडीसी के प्रबंध निदेशक राजेश अग्रवाल का कहना है कि जुड़वां सुरंग प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार है। इसका काम 2026 तक पूरा होने के आसार हैं। हाल ही एचआरआइडीसी के अधिकारियों और रेलवे बोर्ड के सदस्यों ने डबल टनल और वायाडक्ट (पुल) के निर्माण के लिए इंजीनियरिंग मोड और तकनीक का उपयोग करने के साथ निर्माण कार्य के दौरान आने वाली संभावित चुनौतियों पर चर्चा की।

गलियारे को मिल चुकी है हरी झंडी
रेल गलियारा परियोजना हरियाणा सरकार और रेल मंत्रालय का संयुक्त उद्यम है। परियोजना को जुलाई 2019 में राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति सितंबर 2020 में हरी झंडी दे चुकी है। उसी महीने रेल मंत्रालय ने पलवल और सोनीपत के बीच डबल-स्टैक कंटेनर माल परिचालन के लिए सेमी हाई-स्पीड लाइन के काम को मंजूरी दी थी।