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जेसीटीएसएल की लो फ्लोर बसों की हकीकत…रात आठ बजे बाद बे’बस हो जाता है शहर

यदि आप जयपुर शहर में हैं और रात आठ बजे बाद जेसीटीएसएल की लो फ्लोर बसों से एक जगह से दूसरी जगह जाना चाहते हैं तो अपना इरादा बदल लिजिए। रात 10 बजे तक सेवा देने वाली लो फ्लोर बसों के पहिए रात आठ बजे से ही रास्ते बदलना शुरू कर देते हैं।

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बस के इंतजार में चांदपोल बस स्टैंड पर खड़े यात्री

बस के इंतजार में चांदपोल बस स्टैंड पर खड़े यात्री

अरविंद पालावत/जयपुर। यदि आप जयपुर शहर में हैं और रात आठ बजे बाद जेसीटीएसएल की लो फ्लोर बसों से एक जगह से दूसरी जगह जाना चाहते हैं तो अपना इरादा बदल लिजिए। रात 10 बजे तक सेवा देने वाली लो फ्लोर बसों के पहिए रात आठ बजे से ही रास्ते बदलना शुरू कर देते हैं। ये बसें रात में तय रूट की बजाय शॉर्टकट अपनाती है और उसके बाद डिपो में पहुंचकर खड़ी कर दी जाती हैं। ऐसे में रोजाना रात आठ से 10 बजे के बीच हजारों यात्री सड़कों पर परेशान होते हैं। मजबूरन उन्हें मिनी बस, ई—रिक्शा, टैक्सी से अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ता है। हालात यह होती है कि ई-रिक्शा और टैक्सी मनमाने दाम वसूलने से भी रात को नहीं चूकते हैं।

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दरअसल, इस तरह की शिकायतें रोज मिल रही थी। ऐसे में गुरूवार रात पत्रिका संवाददाता खुद इन बसों में सफर करने पहुंचें तो हालात ठीक वैसे ही मिले, जैसे लोग कहते थे। करीब एक घंटे के इंतजार के बाद एक बस रात 9.30 बजे मिली। जबकि अन्य बसें अपना रास्ता बदलकर डिपो तक पहुंचने में लगी रही।

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एप्प पर दिखी बस और अचानक बदल गया रूट

रात करीब 8.40 बजे पत्रिका संवाददाता पारीक कॉलेज रोड पर पहुंचें और वहां से उन्होंने जेसीटीएसएल लाइव ट्रेकिंग एप्प के माध्यम से बस सर्च की। जिसमें रूट नंबर 9ए की बस जीपीओ पर आती हुई नजर आई। तय रूट पर आने में उसे करीब पांच मिनिट का समय लगता। लेकिन, अचानक बस ने रूट बदल लिया और सीधा दूध मंडी के नजदीक जा पहुंची।



आखिरी बस के इंतजार में खड़े रहे लोग

इसके बाद पत्रिका संवाददाता चांदपोल बस स्टैंड पर पहुंचें। जहां पर करीब आधा दर्जन सवारियां मौजूद थीं और वे बस का इंतजार कर रही थी। यात्रियों से बात की तो उन्होंने बताया कि रात के समय ड्राइवर बस को सीधे ले जाते हैं। रात आठ बजे बाद बस मिलना बहुत मुश्किल होता है।

...तो बसें पूरा करेगी अपना रूट

1. प्रबंधन सभी बसों के रूट किलोमीटर की हर फेरे में जांच करें ताकि यह पता चले कि बस तय रूट से पहुंचीं है या नहीं।

2. जेसीटीएसएल के लाइव ट्रेकिंग एप्प से सभी बसों को जोड़ा जाए और एप्प के माध्यम से बसों के रूट की जांच की जाए।

3. शहर के सभी मुख्य स्थानों पर जेसीटीएसएल की ओर से एक कर्मचारी नियुक्त किया जाए, जो बसों के आने-जाने का समय नोट करें। ऐसा करने पर बसें अपना रास्ता नहीं बदल सकेगी।

4. जिस भी बस का रूट बदलता है, उस बस के चालक और परिचालक पर कार्रवाई की जानी चाहिए।

इनका कहना है:

'इस तरह की शिकायत आपकी ओर से मिली हैं। ऐसी बसों के ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। बस को तय रूट से आने के लिए पाबंद किया जाएगा।'

शांति लाल व्यास, मैनेजर, टोडी डिपो