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प्रवेशोत्सव: कई स्कूलों में नहीं खुला खाता

गुरुवार को प्रवेशोत्सव के तीन दिन पूरे हो गए। स्थिति यह रही कि किसी विद्यालय में तो अभी प्रवेश का खाता ही नहीं खुला है। सरकार की ओर से इस वर्ष प्रवेशोत्सव का पहला चरण 26 अप्रेल से 10 मई तक निर्धारित किया है।

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sandeep srivastava

Apr 29, 2016

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क्षेत्र में सरकार की ओर से भले ही अभिभावकों को अपने बच्चों का प्रवेेश सरकारी विद्यालयों में कराने के लिए प्रेरित किया जा रहा हो, लेकिन फिर भी सार्थक परिणाम सामने नहीं आ रहे हैं। तीन दिन से चल रहे प्रवेशोत्सव कार्यक्रम की प्रगति देेखकर तो यही लग रहा है।

सरकार की ओर से इस वर्ष प्रवेशोत्सव का पहला चरण 26 अप्रेल से 10 मई तक निर्धारित किया है। गुरुवार को प्रवेशोत्सव के तीन दिन पूरे हो गए। स्थिति यह रही कि किसी विद्यालय में तो अभी प्रवेश का खाता ही नहीं खुला है।


उपखण्ड मुख्यालय स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पट्टीखुर्द में प्रवेशोत्सव के तहत तीन दिन में केवल एक विद्यार्थी का प्रवेश हुआ है। रामावि पट्टीकलां में अभी तक प्रवेश का खाता ही नहीं खुला। पट्टीकलां के ही बालिका उमावि में पांच बालिकाओं ने प्रवेश लिया। इसी तरह लिवाली के राउमावि में अभी तक केवल पांच बच्चों के प्रवेश होने की जानकारी दी गई हैै। तीन दिन में सर्वाधिक प्रवेश जिले का सर्वश्रेष्ठ स्कूल का सम्मान पा चुके गंडाल के राउमावि में हुए। प्रधानाचार्य गोविन्द प्रसाद दीक्षित के अनुसार प्र्रवेशोत्सव के तीन दिन में 17 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया।

घर-घर संपर्क

प्रवेशोत्सव कार्यक्रम के तहत शिक्षकों की अलग-अलग वार्डवाइज कमेटियां गठित कर घर-घर अभिभावकों से संपर्क किया जा रहा है। इस बीच अभिभावकों को सरकारी स्कूलों में दी जा रही सुविधाओं से अवगत कराया जा रहा है।

हरिओम वशिष्ठ, प्रधानाचार्य राउमावि, लिवाली।

फोटो

फोटो परिचय

बीएम 2904 सीए- बामनवास के गंडाल राउमावि में नव प्रवेशित छात्राओं के तिलक लगाकर अभिनंदन करते प्रधानाचार्य।

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