
जयपुर . मोहर्रम महीने का चांद दिखते ही गुरुवार शाम से इस्लामी हिजरी सन् 1439 शुरू हो गया। मोहर्रम की दसवीं तारीख एक अक्टूबर को शहर में ताजियों का जुलूस निकलेगा। सेंट्रल हिलाल कमेटी के चेयरमैन चीफ काजी खालिद उस्मानी ने गुरुवार को जौहरी बाजार जामा मस्जिद में चांद दिखाई देने का एेलान किया। बैठक में शहर मुफ्ती मोहम्मद जाकिर, जामा मस्जिद के इमाम मुफ्ती अमजद अली, इस्लामी विद्वान मुफ्ती वाजिदुल हसन समेत अनेक लोग मौजूद थे।
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उस्मानी ने बताया कि इस्लामी कलेंडर के 12 महीनों में मोहर्रम पहला महीना है। मोहर्रम की पहली तारीख शुक्रवार को होगी। इसी महीने में पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन कर्बला की जंग में शहीद हुए थे। शहादत की याद में अकीदतमंद गम भी मनाते हैं और ताजिये निकालते हैं।
ढोल-ताशों से मातम शुरू
अकीदतमंद ताजिये बनाने का काम साल भर करते हैं। मोहल्लों के इमामबाड़ों में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इसमें हाथ बंटाते हैं। शहर में हर साल 300 से अधिक छोटे-बड़े ताजिये निकाले जाते हैं। बड़े ताजियों में मोहल्ला पन्नीगरान, हीरनवालान, सिरकीगरान, सिलावटान, मछलीवालान, चांदपोल, एमडी रोड, सांगानेर आदि क्षेत्र शामिल हैं। चांद दिखते ही अनेक मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में अकीदमंदों ने रात को ढोल ताशों से मातम किया। ये सिलसिला 10 दिन तक चलेगा।
सबसे पहले निकलेगा दरबार का ताजिया
ताजियों के जुलूस में सबसे आगे जयपुर दरबार का ऐतिहासिक सोने—चांदी का ताजिया रहेगा। यह ताजिया जुलूस के एक दिन पहले त्रिपोलिया गेट पर रखा जाएगा। जहां अकीदतमंद सेहरे पेश कर मन्नतें मांगते हैं।
Updated on:
21 Sept 2017 10:34 pm
Published on:
21 Sept 2017 10:32 pm
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