जयपुर। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को ओडिशा के पुरी में प्रभु की भव्य रथ यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। इस यात्रा में लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। भगवान जगन्नाथ के रथ के साथ दो और रथ इस यात्रा में शामिल होते हैं, जिसमें उनके भाई और बहन शामिल होते हैं। वहीं राजधानी जयपुर में भी शहर के आराध्य गोविंददेवजी सहित विभिन्न मंदिरों में धूमधाम से रथयात्रा महोत्सव मनाया गया। महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने गौर गोविंद के विग्रह को प्राचीन चांदी के रथ पर विराजमान किया। इसके बाद गर्भग्रह के पश्चिम द्वार से रथयात्रा शुरू हुई। रथ को महंत अंजन कुमार गोस्वामी व प्रबंधक मानस गोस्वामी निज मंदिर की परिक्रमा कराई, वहीं भक्तों ने पुष्प वर्षा की। मंदिर की चार परिक्रमा के बाद गौर गोविंद के विग्रह को पुनः रथ समेत गर्भगृह में विराजमान किया गया। उसके पश्चात धूप की आरती दर्शन हुए। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। चौड़ा रास्ता स्थित राधा दामोदर मंदिर के प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया कि प्राचीनकाल से ही परंपरागत रूप से मंदिर के विग्रहों की रथयात्रा निज मंदिर तक ही निकाली जाती है। विग्रहों की शोभायात्रा मंदिर के बाहर नहीं निकलती है। इस दौरान भक्त मंदिर के अंदर ही रथयात्रा का रथ खींचते हैं।