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उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे के बाद पहली बार जयपुर आए जगदीप धनखड़, बोले- वाजपेयी के साथ 15 दिन रहा, वो यादें हमेशा रहेंगी

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ गुरुवार को एक दिवसीय दौरे पर जयपुर पहुंचे। इस्तीफे के बाद यह उनका पहला जयपुर दौरा था। उन्होंने निजी अस्पताल में जांच कराई। मीडिया से बातचीत में अटल बिहारी वाजपेयी के साथ जुड़ी यादें साझा कीं।

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जयपुर

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Arvind Rao

Dec 26, 2025

Jagdeep Dhankhar

Former Vice President Jagdeep Dhankhar (Patrika Photo)

जयपुर: पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ गुरुवार को एक दिवसीय दौरे पर जयपुर पहुंचे। उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद यह उनका पहला जयपुर दौरा था। इस दौरान वे मीडिया से रूबरू हुए।

उन्होंने मीडिया से बातचीत में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ जुड़ी स्मृतियों को साझा किया। हालांकि, वाजपेयी युग और वर्तमान समय की तुलना से जुड़े सवाल पर उन्होंने कोई टिप्पणी करने से परहेज किया।

जयपुर पहुंचने पर धनखड़ ने अपने भाई रणदीप धनखड़ के निवास पर पारिवारिक माहौल में लंच किया। इसके बाद उन्होंने विश्व हिंदू परिषद के एक वरिष्ठ नेता से मुलाकात की। दिनभर की गतिविधियों के बाद वे सड़क मार्ग से दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

अपने इस संक्षिप्त दौरे के दौरान धनखड़ ने जयपुर में किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग नहीं लिया। हालांकि, इससे पहले वे झुंझुनूं जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

दौरे के दौरान पूर्व उपराष्ट्रपति एक निजी अस्पताल भी पहुंचे, जहां उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी परामर्श लिया। उन्होंने सवाई मानसिंह अस्पताल के पूर्व अधीक्षक और प्रदेश के वरिष्ठ श्वांस रोग विशेषज्ञ डॉ. वीरेंद्र सिंह से मुलाकात की।

चिकित्सकों ने उनकी सीटी स्कैन सहित आवश्यक चिकित्सीय जांचें कराईं। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, सभी रिपोर्ट सामान्य पाई गईं और उनकी सेहत को लेकर किसी तरह की चिंता की बात नहीं है।

मीडिया से बातचीत में जगदीप धनखड़ ने कहा कि साल 1990 में उन्हें भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ 15 दिनों की यूरोप यात्रा का अवसर मिला था।

उन्होंने कहा कि वह अनुभव उनके जीवन के यादगार पलों में से एक है और वाजपेयी जी के साथ बिताए गए वे क्षण हमेशा स्मृति में रहेंगे। धनखड़ का यह दौरा निजी और स्वास्थ्य कारणों से जुड़ा रहा, जिसमें उन्होंने राजनीतिक बयानबाजी से दूरी बनाए रखी और सीमित दायरे में ही अपनी गतिविधियां पूरी कीं।