12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

‘चन्द्र नंदनी के प्रमोशन के लिए आए जयपुर एक्टर रजत टोकस,कहा: हिस्टोरिकल या ऑटोबायोग्राफी,सभी में ड्रामा जरूरी

टीवी एक्टर रजत टोकस का। सीरियल 'चन्द्र नंदनी के प्रमोशन के लिए जयपुर आए रजत के साथ श्वेता बसु प्रसाद भी मौजूद थी

less than 1 minute read
Google source verification

नोएडा

image

guest user

Mar 08, 2017

Chandra Nandani

Chandra Nandani

टीवी हो या फिल्म, किसी भी माध्यम में यदि सब्जेक्ट एेतिहासिक हो या ऑटोबायोग्राफी, हर किसी में ड्रामा होना जरूरी होता है। ऑडियंस तक बात पहुंचाने के लिए मसाला डाला जाता है, जो कहीं भी गलत नहीं है। हालांकि यह भी सही है कि हिस्ट्री के साथ छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। रिसर्च बेस्ड कंटेंट ही बेस्ट होता है। यह कहना है, टीवी एक्टर रजत टोकस का। सीरियल 'चन्द्र नंदनी के प्रमोशन के लिए जयपुर आए रजत के साथ श्वेता बसु प्रसाद भी मौजूद थी।

कंट्रोवर्सीज से दूर रहता हूं...

बकौल रजन, ऑडियंस अपने कीमती समय में हमें अपना आधा घंटा देती है, इसलिए हमारा फर्ज बनता है कि उन्हें पूरी तरह से एंटरटेन करें। मैं इसी सिद्धांत को फॉलो करता हूं और अपने काम को बड़े ही प्रोफेशनली अंदाज में निभाता हूं। कंट्रोवर्सीज और मेरा दूर-दूर तक का कोई साथ नहीं है। मैंने अपने काम से ही खुद को इंडस्ट्री में प्रूव किया है। मुझे जो भी किरदार मिला है, मैं उसी का होकर रह जाता हूं। कई हिस्टोरिकल कैरेक्टर किए हैं, पर मैं टीवी के जरिए लेसन नहीं देता हूं, सिर्फ काम करता हूं।

पिकनिक की तरह लगता है

श्वेता ने कहा कि बचपन में 'मकड़ी और 'इकबाल जैसी फिल्मों में काम करने का मौका मिला। जब इन्हें आज देखती हूं तो यह पिकनिक टूर की तरह लगता है। यहां तक कि नेशनल अवॉर्ड भी लाइटली लगता है। फिर एक्टिंग की जगह पढ़ाई को महत्व दिया। फैंटम में बतौर स्क्रिप्ट कंसल्टेंट के तौर पर काम कर रही थी और कुछ शॉर्ट फिल्म बना रही थी। इसी दौरान 2016 में 'चन्द्र नंदनी और फिल्म 'बद्रीनाथ की दुल्हनिया ऑफर हुई और दोनों प्रोजेक्ट से ही जुड़ गई।

ये भी पढ़ें

image