राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इन दिनों खराब मौसम के कारण विमानों को जयपुर डायवर्ट किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में एयरपोर्ट प्रशासन के हाथ-पांव फूल जाते हैं और एयरपोर्ट का शेड्यूल बिगड जाता है। चूंकि यहां रन-वे पर एक घंटे में 12 विमानों की ही आवाजाही संभव है ऐसे में विमानों को रन-वे खाली होने का इंतजार करना पड़ता है। रन-वे पर उतरने से पहले उन्हें हवा में 5 से 25 मिनट तक चक्कर लगाने पडते हैं। इससे समय और ईंधन दोनों की बर्बादी होती है।
नोटम लगाकर जल्दी खत्म किया था काम एयरपोर्ट अथॉरिटी के अनुसार टैक्सी ट्रैक को जल्द शुरू करना था। इसके लिए उन्होंने फरवरी-2020 से जून 2020 तक 7 घंटे नोटम (नोटिस टू एयर मिशन) लगाया। इस बीच विमानों की आवाजाही बंद रहती थी। इसे दो फेज में बनाया गया है।
पत्र लिखकर मांगी थी स्वीकृति सामने आया कि गत वर्ष सितंबर माह में तत्कालीन एयरपोर्ट निदेशक जयदीपसिंह बलहारा ने टैक्सी ट्रैक शुरू करने के लिए डीजीसीए (डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन) को पत्र लिखकर स्वीकृति भी मांगी थी लेकिन नहीं मिली। अक्टूबर माह से अडानी समूह के हाथ में एयरपोर्ट की बागडोर आ गई लेकिन समूह ने कोई रुचि दिखाई नहीं। इसी वजह टैक्सी ट्रैक शुरू नहीं हो सका।
जिम्मेदारों की नहीं रुचि
इस समस्या से निजात दिलाने के लिए यहां रन-वे के समानांतर टैक्सी ट्रैक भी बनाया गया है। गत वर्ष सितंबर तक यह पूरी तरह से बनकर भी तैयार हो गया था, लेकिन जिम्मेदारों की अरुचि से यह अभी तक शुरू नहीं हो सका। यह शुरू हो जाए तो, एक के पीछे एक विमान उतर सकेंगे। रन-वे की क्षमता भी दोगुना हो जाएगी।
जल्द मिलेगी सौगात वर्तमान में जयपुर एयरपोर्ट पर एयरक्राफ्ट का लोड नहीं हैं जिससे कि टैक्सी ट्रेक की ज्यादा जरूरत हो। ट्रैक शुरू करने में जुटे हैं। जल्द यह सौगात मिल जाएगी। -विष्णु मोहन झा, चीफ एयरपोर्ट ऑफिसर जयपुर एयरपोर्ट