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Jaipur Bomb Blast : इन कारणों से हुआ शाहबाज बरी, दोषमुक्त होने पर भी अभी नहीं होगा जेल से रिहा

Jaipur Bomb Blast 2008 : 11 साल बाद दोषमुक्त होने पर भी शाहबाज अभी नहीं होगा जेल से रिहा, इन कारणों से हुआ बरी

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Jaipur Bomb Blast : इन कारणों से हुआ शाहबाज बरी, दोषमुक्त होने पर भी अभी नहीं होगा जेल से रिहा

Jaipur Bomb Blast : इन कारणों से हुआ शाहबाज बरी, दोषमुक्त होने पर भी अभी नहीं होगा जेल से रिहा

देवेन्द्र शर्मा / जयपुर। गुलाबी नगरी को बम विस्फोट से दहला देने के मामले में चार आतंकियों के साथ बंद शाहबाज हुसैन को विशेष कोर्ट जयपुर बम ब्लास्ट मामला ने संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया है। लेकिन शाहबाज दिल्ली में भी वांटेट है। जेल आइजी विक्रम सिंह ने बताया कि शाहबाज को रिहा करने की बजाय दिल्ली कोर्ट में पेश किया जाएगा। जयपुर कमिश्नरेट पुलिस से चालानी गार्ड मिलते ही सुरक्षा व्यवस्था में उसको दिल्ली ले जाया जाएगा। दिल्ली में जमानत मिलती है, तो वह छूट जाएगा। जमानत नहीं मिलने पर वहां की जेल में शिफ्ट कर दिया जाएगा।

शहबाज के विरुद्ध पेश नहीं कर सके मजबूत साक्ष्य
कोर्ट ने अभियुक्त शहबाज को बरी किया है। इसका आधार कोर्ट ने अनुसंधान और साक्ष्यों की कमी को बताया। कोर्ट ने लिखा कि शहबाज जयपुर में बम विस्फोट की गतिविधि में लिप्त रहा हो अथवा बम विस्फोट करने वाले अभियुक्तों को कोई निर्देश दिए या प्राप्त किए हो, इसके कोई साक्ष्य नहीं है। बटला हाउस में पकड़े गए सैफ ने भी शहबाज के लिप्त होने के बारे में कुछ नहीं बताया। इंडियन मुजाहिद्दीन गिरोह से इसके संपर्क को लेकर भी जांच अधिकारी सत्येन्द्र सिंह राणावत ने तफ्तीश नहीं की। इनके अतिरिक्त मधुकर मिश्रा के सायबर कैफे से जब्त कम्प्यूटर और एफएसएल रिपोर्ट भी अभियोजन के पक्ष में नहीं है। शहबाज का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। कैफे से कस्टमर रजिस्टर भी जब्त नहीं किया गया। ई-मेल पर गुरु अल हिंदी के नाम से जो दस्तखत किए थे, उनका शहबाज से संबंध हो इसके लिए हैंड राइटिंग की जांच भी नहीं करवाई गई। इस पर अभियोजन पक्ष की दलील पर कोर्ट ने कहा कि फोटो स्टेट से हस्ताक्षरों की जांच नहीं हो सकती। महत्वपूर्ण एक आधार यह भी रहा कि अभियुक्त के द्वारा नारको टेस्ट कराने के प्रार्थना पत्र पर अभियोजन पक्ष ने बिना किसी ठोस आधार के विरोध किया था। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि बम विस्फोट में शहबाज की लिप्तता की कड़ी से कड़ी जोडऩे में पुलिस असफल रही है।

सैफ, सरवर, सैफुर, सलमान को माना दोषी
कोर्ट ने मोहम्मद सैफ को माणक चौक खंदा में विस्फोटक रखने का दोषी माना है। वहीं मोहम्मद सरवर आजमी को चांदपोल हनुमान मंदिर के पास विस्फोटक रखने का दोषी माना है। सैफुर्रहमान उर्फ सैफुर को फूलों का खंदा छोटी चौपड़ और सलमान को सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर के पास विस्फोटक रखने का दोषी माना है। इन्हें आईपीसी की धारा 302, 307, 326, 324, 427, 121ए, 124ए, 153ए, 120बी विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 की धारा 3 और विधि विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम के तहत धारा 13, 18 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए दोषसिद्ध किया गया है।


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