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Jaipur News: वैशाली नगर में नहीं चलेगा JDA का बुलडोजर, सुप्रीम कोर्ट ने दिया स्टे,जेडीए से मांगा जवाब

जयपुर में वैशाली नगर के गांधी पथ सहित अन्य प्रमुख मार्गों पर जेडीए की अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट की रोक ने क्षेत्र के लोगों को बड़ी राहत दी है।

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वैशाली नगर में 98 निर्माणों पर बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट का स्टे, पत्रिका फाइल फोटो

जयपुर। शहर में वैशाली नगर के गांधी पथ सहित अन्य प्रमुख मार्गों पर जेडीए की अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट की रोक ने क्षेत्र के लोगों को बड़ी राहत दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को वैशाली नगर के गांधी पथ सहित अन्य प्रमुख मार्गों पर जेडीए की अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए जेडीए को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।

सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में उच्च न्यायालय के 10 नवम्बर, 2025 के आदेश पर भी रोक लगा दी है। दरअसल, उच्च न्यायालय के इस आदेश के बाद ही जेडीए ने गांधी पथ, पीवीसी कर्नल होशियार सिंह मार्ग, वैशाली मार्ग और आम्रपाली मार्ग पर पहले चरण में 98 निर्माणों को अवैध मानते हुए नोटिस जारी किए थे। इसके बाद प्रभावितों ने जेडीए ट्रिब्यूनल में याचिका लगाई, लेकिन राहत नहीं मिली। सोमवार को भी जेडीए ने गांधी पथ पर कुछ लोगों को नोटिस जारी किए थे।

ये है पूरा मामला

जयपुर के सिरसी रोड पर कार्रवाई के बाद जेडीए ने गांधी पथ, वैशाली मार्ग, आम्रपाली मार्ग और पीवीसी कर्नल होशियार सिंह मार्ग (क्वींस रोड) पर कुल 98 निर्माणों को नोटिस जारी किए थे। जेडीए ने इन निर्माणों में 10 से 16 फीट तक अतिक्रमण माना। स्थानीय लोगों का कहना है कि मास्टर प्लान में पहले सड़क की चौड़ाई 80 फीट थी और इसी आधार पर पट्टे जारी किए गए थे। बाद में इसे 100 फीट कर दिया गया, जिसके कारण पुराने निर्माण अतिक्रमण की श्रेणी में आ गए।

नोटिस में उल्लेख

उच्च न्यायालय के आदेश की पालना में जेडीए ने पीटी सर्वे के अनुसार सड़क सीमा में किए गए अतिक्रमण को हटाने के लिए सात दिन का समय दिया गया है। साथ ही कहा गया है कि यदि कोई आपत्ति हो तो उसे 28 नवंबर तक दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत किया जा सकता है। जिसके बाद लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।

लोगों को मिली राहत

सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले से व्यापारियों और स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है। जेडीए के नोटिस के बाद इन सभी पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई थी। व्यापारियों का कहना है कि जेडीए कार्रवाई पर आमादा है। अधिकारी कुछ भी बताने को तैयार नहीं हैं।

निर्माण के समय क्यों नहीं रोका?

स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब ये निर्माण हो रहे थे, तब जिम्मेदार अधिकारियों ने इन्हें रोकने की कोशिश क्यों नहीं की? अब व्यापारिक शोरूम से लेकर आवासीय हिस्से विकसित हो चुके हैं और गांधी पथ पर पूरी तरह बाजार बस चुका है। ऐसे में अचानक कार्रवाई पूरे क्षेत्र की व्यवस्था को बिगाड़ देगी।