
ये निशां चुभते हैं...फिर न दिखे ऐसा मंजर... : चांदपोल बाजार स्थित हनुमान मंदिर। यह वही जगह है जहां 13 मई 2008 को आतंकियों ने बम विस्फोट किया था। धमाके में कई जिंदगियां बिखर गई थीं। दूर-दूर तक खून के छींटें डरा रहे थे। बम से निकले छर्रे आस-पास धंस गए थे जिनके निशां आज भी भक्तों को चुभते हैं। मंदिर में आने वाला हर भक्त यही कहता है कि फिर न वैसा मंजर दिखे। धमाके करने वालों को ऐसी सजा मिले कि उनकी रूह तक कांप उठे। फोटो : दिनेश डाबी
Jaipur Bomb Blast Update : जयपुर बम ब्लास्ट की आज फिर याद ताजा हो गई। आज से ठीक 17 साल पहले आतंकियों ने जयपुरवासियों को ऐसे जख्म दिए, जिनकी यादें आज भी जेहन में शूल बनकर चुभती हैं। जयपुर में 13 मई 2008 को बम धमाके हुए। इसमें कई लोगों ने जान गंवाई और कई घायल हुए। पत्रिका ने पीड़ित परिवारों से बातचीत की।
पीड़ित के परिजन ने कहा कि उस शाम पलभर में उनकी खुशियां खत्म हो गईं। गणगौरी बाजार निवासी रमा देवी (71 वर्ष) ने बताया कि छोटी चौपड़ पर फूल वालों के खंदे में उस शाम काम करते समय बम धमाका हो गया। इससे सिर में गंभीर चोट लगी। कई दिन अस्पताल में भर्ती रही। परिवार में आज भी कमाने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि गुनहगारों को उम्र कैद नहीं, बल्कि फांसी मिलनी चाहिए।
धमाके में पिता घनश्याम तंवर को खोने वाली नाड़ी का फाटक निवासी मुस्कान तंवर ने कहा कि आतंकियों को कड़ी सजा दी जाए। न्याय के लिए लड़ाई लंबी न चले। मुस्कान ने बताया कि जब हादसा हुआ, उसकी उम्र १० साल थी। कम उम्र में पिता को खोने का दर्द हमेशा सालता रहता है। अब जनवरी में उसकी शादी हो चुकी है।
जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट की बरसी पर इस हृदयविदारक घटना में काल-कवलित हुए सभी नागरिकों को विनम्र श्रद्धांजलि। 13 मई 2008 का काला दिवस न केवल मानवता पर गहरा आघात है, बल्कि हमारी सामूहिक संवेदनशीलता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की भावना पर भी कुठाराघात है। इस हृदयविदारक घटना में जिन लोगों ने अपनों को खोया है, उनके साथ मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। उनका अवर्णनीय दुःख और अपूरणीय क्षति हमें आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट होकर लड़ने की प्रेरणा देता रहेगा।
Published on:
13 May 2025 10:49 am
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