फाल्गुनी भजनों के संग बड़ी संख्या में भक्तों ने गुलाल, अभ्रक, फूल और गुलाल गोटों से एक-दूसरे के साथ होली। भगवान गणपति को ठंडाई का भोग लगाकर भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। मंदिर में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए। शेखावाटी के लोक कलाकार रघुवंद मिश्र और उनके साथी कलाकारों ने ढप और चंग की थाप पर अपनी प्रस्तुति से भगवान गजानंद को रिझाया। भगवान गणेश को पहली बार 60 किलो हजारे के फूल बंगले में विराजमान किया।
कथक नृत्य से रिझाया नहर के गणेश जी को
माउंट रोड, ब्रह्मपुरी स्थित नहर के गणेशजी मंदिर में फागोत्सव का आयोजन किया गया। मंदिर महंत पं.जय शर्मा के सान्निध्य में पुष्याभिषेक कर गणपति को रंग बिरंगी पोशाक और साफा धारण करवाया गया। ढप, चंग, पिचकारी, अनेक रंग की गुलाल सहित रंगीन कपड़ों से मंदिर के गर्भगृह में नयनाभिराम झांकी सजाकर आरती की गई। परवीन मिर्जा, सुरभि चतुर्वेदी, गोपालसिंह राठौड़ ने होली के भजनों की प्रस्तुतियां दीं। पद्मश्री गुलाबो ने साथी कलाकारों के साथ कालबेलिया नृत्य किया। युवाचार्य पं. मानव शर्मा ने बताया कि शाम को कथक, गायन-वादन कार्यक्रम में मुंबई से कथक कलाकार नरेंद्र कृष्ण गंगानी और रोहित परिहार ने प्रस्तुति दी। गढ़ गणेश मंदिर में सैकड़ों भक्त मनोकामना लेकर पहुंचे।
श्रद्धालु भी भजनों पर जमकर थिरके
चांदपोल स्थित परकोटा गणेश मंदिर में फाल्गुनी झांकी सजाई गई। पं.अमित शर्मा ने बताया कि नवीन पोशाक धारण कराकर 551 मोदकों का भोग लगाया गया। अथर्वशीर्ष और गणपति अष्टोत्तर नामावली से भक्तों ने भी मोदक अर्पित किए। भजनों की प्रस्तुतियां दीं। कई संत-महंतों ने शिरकत की।