
जयपुर में पहली बार हो रहा 256 मंडलीय सिद्धचक्र महामंडल विधान, आचार्य सौरभ सागर का हुआ मंगल प्रवेश
जयपुर। आचार्य सौरभ सागर के सानिध्य में नारायण सिंह सर्किल स्थित भट्टारकजी की नसियां में रविवार से 10 दिवसीय 256 मंडलीय सिद्धचक्र महामंडल विधान और विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन होगा। इससे पहले शुक्रवार सुबह आचार्य सौरभ सागर का नसियां में मंगल प्रवेश हुआ।
श्री सौरभमयी सिद्धचक्र प्रभावना समिति अध्यक्ष आलोक जैन तिजारिया ने बताया कि जयपुर में पहली बार 256 स्वतंत्र मंडलों की स्थापना के साथ सिद्धचक्र महामंडल विधान पूजन का आयोजन हो रहा है, जो 24 अक्टूबर तक चलेगा, इसकी तैयारियां कर ली गई है। पूजन के लिए नसियां में विशाल पांडाल भी बनकर तैयार हो चुका है।
रोजाना 1100 से अधिक श्रद्धालु करेंगे आराधना
इस आयोजन में जयपुर के साथ दिल्ली, यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, मध्य प्रदेश आदि प्रदेशों के श्रद्धालु भी पूजन में अपने परिवारजनों सहित भाग ले रहे है। विधान पूजन में प्रतिदिन 1100 से अधिक श्रद्धालु सिद्धचक्र महामंडल विधान पूजन में अष्ट्र द्रव्यों के साथ जिनेन्द्र प्रभु की आराधना करेंगे और अपने कर्मों के निर्जरा की प्रार्थना करेंगे। इस दौरान प्रतिदिन सुबह आचार्य सौरभ सागर के प्रवचन होंगे। शाम को महाआरती व भक्ति संध्या सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
26 प्रमुख इंद्र रहेंगे
सिद्धचक्र प्रभावना समिति प्रचार संयोजक विनोद जैन कोटखावदा और अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि इस सिद्धचक्र महामंडल विधान में 256 स्वतंत्र मंडलों को स्थापित कर यह पूजन करवाया जाएगा, इन 256 मंडलों में सोधर्म इंद्र, कुबेर, यज्ञ नायक जैसे 26 प्रमुख इंद्र रहेंगे। इसके अतिरिक्त समाजजनों के लिए 230 मंडलों की स्थापना अलग से की जा रही है, जिसमें प्रत्येक परिवार अपने स्वतंत्र मंडल पर परिवारजनों सहित सिद्धचक्र विधान पूजन में भाग लेंगे। इसके अलावा एकल पूजार्थियों के लिए भी व्यवस्था रखी गई है।
शोभायात्रा के साथ सौरभ सागर का मंगल प्रवेश
आचार्य सौरभ सागर ने शुक्रवार को सुबह जौहरी बाजार स्थित दिगंबर जैन मंदिर ठोलियान से विहार किया। इस दौरान आचार्य श्रद्धालुओं के साथ पद विहार करते हुए सांगानेरी गेट, न्यू गेट होते हुए अल्बर्ट हॉल पहुंचे, जहां से जुलूस के साथ त्रिमूर्ति सर्किल पर पहुंचे। यहां पर आयोजन समिति, समाजसेवियों और लोगों ने पुष्पवर्षा कर आचार्य की अगवानी की। इसके बाद बैंड-बाजों, लवाजमों और जयकारों के साथ आचार्य ने शोभायात्रा के रूप में भट्टारकजी की नसियां में मंगल प्रवेश किया। नसियां जी के प्रवेश द्वार पर महिला मंडलों ने सिर पर मंगल कलश धारण कर आचार्य की आरती कर अगवानी की। यहां धर्म सभा का आयोजन हो रहा है।
Published on:
13 Oct 2023 01:06 pm
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