6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पुलिस ने बकरी चोर बोला तो गुस्से में आया कुख्यात, बताए अपने कारनामे, जानकार रह गए सब दंग

Jaipur crime news : बचपन में बकरी चुराता था जीतू, बड़ा हो तो बन गया कुख्यात, कार को ही बना रखा था घर, जहां रात गुजारता, उससे 200 किलोमीटर दूर भोजन करने जाता

2 min read
Google source verification
jitu

पुलिस ने बकरी चोर बोला तो गुस्से में आया कुख्यात, बताए अपने कारनामे, जानकार रह गए सब दंग

मुकेश शर्मा / जयपुर. पुलिस ने अपनी गिरफ्त में आए जीतू को बकरी चोर बोला...तो वह अपराध करने के राज उगलने लगा। एडिशनल डीसीपी बजरंग सिंह शेखावत ने बताया कि पड़ताल में सामने आया है कि वह बचपन में बकरी चोरी करने लगा था। पूछताछ में बकरी चोर कहने पर वह गुस्से में आ गया। इस गुस्से में उसने अपने अपराध के कई राज खोल दिए।

जीतू ने पुलिस को बताया कि वह वर्ष 2014 में गिरफ्तार हुआ और वर्ष 2016 में जेल से छूटा था उसके बाद अब तक किए गए कुछ गंभीर अपराधों की जानकारी दी। पूछताछ में यह भी सामने आया कि उसे एक ही वाहन कंपनी की गाड़ी रखने का शौक है। उसी कंपनी की कार चोरी और लूट करता है। खुद का अधिकांश समय कार में ही गुजारता है। रात्रि जहां गुजारनी होती है, उस जगह से करीब 150 से 200 किलोमीटर दूर होटल या ढाबे पर भोजन करने पहुंचता है और फिर वहां लौट आता है। दिन-रात कार में ही निकालता है।

होटल पर फायरिंग के ये आरोपी फरार

बगरू थाने के एसएचओ ब्रजभूषण अग्रवाल ने ही अपने सरकारी वाहन से फायरिंग कर भाग रहे कुख्यात जीतू और उसके साथी सुनील की कार को टक्कर मार पलटा था। एसएचओ ब्रजभूषण ने बताया कि बगरू होटल पर 14 व 19 अगस्त को फायरिंग कर वाहनों में आगजनी करने वाले आरोपी जीतू के साथ रणजीत सिंह, सुखवेन्द्र और मोंटी सरदार भी थे। तीनों वांटेट आरोपियों की तलाश जारी है।

जानकार पुलिसकर्मी आगे आए, गोली भी उन्हें लगी

डीसीपी विकास शर्मा ने बताया कि जीतू के कुख्यात होने का पता लगते ही विशेष टीम बनाई गई थी। टीम में कांस्टेबल मोहनकुमार, छोटूराम और ताराचंद को विशेषतौर पर इसलिए शामिल किया गया कि वे उसी क्षेत्र के रहने वाले हैं। अधिकांश लोगों से परिचित हैं और जीतू से भी परिचय था। मोहन कुमार ने जीतू के बोराज में होने की पुख्ता सूचना दी। जबकि आसलपुर फाटक पर पुलिस से घिरने के बाद कांस्टेबल छोटूराम (स्कूल के साथी रणजीत के जरिए जीतू को जानता था) जीतू की कार तक पहुंच गया और उसे समर्पण करने की बात कहने लगा। तभी आरोपी ने छोटूराम के सिर में पिस्टल के बट से मारा और फिर अंधाधुंध फायरिंग कर दी।

3 पिस्टल, 50 जिंदा कारतूस बरामद

पुलिस को आरोपियों के पास से तीन पिस्टल और 50 जिंदा कारतूस बरामद हुए। हथियार और कारतूस मध्यप्रदेश से लाना बताया है। 15 खाली कारतूस भी बरामद हुए, जो पुलिस पर फायरिंग करने वाले थे।

इन पुलिसकर्मियों ने किए फायर

आरोपियों की अंधाधुंध फायरिंग का जवाब देने के लिए सब इंस्पेक्टर रामेश्वर दयाल, हेड कांस्टेबल राधेश्याम और कांस्टेबल रामराज ने फायर किए। 14 लोगों की टीम में 9 लोगों को पदोन्नति देने का प्रस्ताव बनाया गया है।