
राजस्थान में अवैध तरीके से विदेश पहुंचाने का धंधा जोरों पर, मासूम लोगों को ऐसे फंसा रहे 'कबूतरबाज'
संजय कौशिक / जयपुर। कबूतरबाजी का मतलब होता है कबूतर पालना। तेज और ऊंची उड़ान की वजह से ही कबूतर प्राचीनकाल से ही डाकिए का काम भी करता रहा है, लेकिन आजकल कमीशन खाकर बेरोजगारों को अवैध तरीके से विदेश पहुंचाने के संदर्भ में 'कबूतरबाजी' शब्द का प्रयोग ज्यादा हो रहा है।
पंजाब ही नहीं राजस्थान व अन्य राज्यों में भी कबूतरबाजी की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। विदेश जाने और काम तलाश कर पैसा कमाने के लालच में काफी लोग खासकर बेरोजगार ठगी का शिकार हो रहे हैं। थोड़ी सी सावधानी से इस ठगी से बचा जा सकता है। सरकार की ओर से भी गाइडलाइंस व जागरुकता कार्यक्रमों के जरिए कबूतरबाजी रोकने के प्रयास करने की दरकार है।
यूं देते झांसा
विदेश में मोटी रकम पर बड़ी कंपनियों में कई पदों सहित ड्राइवर की नौकरी लगाने, चुनाई का काम करने, मार्बल व टाइल्स की फिटिंग का काम दिलाने सहित अन्य छोटे कामों का झांसा देकर लोगों को फंसाया जाता है।
यूं ऐंठते रकम
— कमीशन के नाम पर चार्ज
— वीजा का खर्चा बताकर
— हवाई जहाज के टिकट के नाम पर
— मेडिकल प्रमाण-पत्र दिलाने का झांसा
पैसा मांगते ही हो जाएं अलर्ट
— कोई कंपनी या कंसल्टिंग एजेंसी आपसे सपंर्क करती है सबसे पहले आपको उस कंपनी या एजेंसी के बारे में अच्छे से जान लेना चाहिए।
— इसके बाद यदि कोई भी कंपनी या फर्म आपसे पैसा मांगती है तो आपको तुरंत अलर्ट हो जाना चाहिए, क्योंकि कोई भी अच्छी कंपनी या एजेंसी आपसे पैसा नहीं मांगती। न तो वीजा लगवाने के नाम पर और न ही हवाई टिकट के लिए।
— उस कंपनी का काम केवल इतना होता है कि वह आपको और इस कंपनी (जो हायर करना चाहती है) को आपस में मिलवाए।
— इसके बाद जॉब ऑफर भी वही कंपनी देगी, जो आपको हायर करने वाली है, न कि वह कंसल्टेंसी एजेंसी।
— जॉब का ऑफर मिलने के बाद आपको खुद वीजा और हवाई टिकट की प्रक्रिया पूरी करनी होती है।
सरकार से अपेक्षा
राज्य सरकार को विदेश में नौकरी पर भेजने वाली कंपनियों को लाइसेंस जारी करना चाहिए। इसके अलावा विदेश भेजने वालों की तस्दीक के लिए पुलिस या जिला प्रशासन में तस्दीक के लिए विंग का गठन करना चाहिए।
जयपुर एयरपोर्ट से रोज जाते 300 से 450 यात्री
जयपुर एयरपोर्ट से मस्कट, दुबई और शारजाह के लिए तीन उड़ानें हैं और इनमें रोज 300 से 450 लोग विदेश जाते हैं। जबकि इतने ही लोग वापस आते हैं।
यों रखें सावधानी
— जालसाज जब रोजगार की सूचना देते हैं, तो उसमें व्याकरण संबंधित त्रुटियां अक्सर होती हैं। ऐसे में विज्ञापन की जांच करें।
— जालसाज ई-मेल से मांगी सूचना का जवाब ठीक से नहीं देते और फोन से ही ज्याद बात करते हैं।
— सरकारी या रजिस्टर्ड संस्था पत्राचार अपने ऑफिशियल ई-मेल से करती है। व्यक्तिगत मेल का इस्तेमाल हो तो सावधान हो जाएं।
— सरकारी वेबसाइट के अंत में द्दश1.द्बठ्ठ और .ठ्ठद्बष् होता है। वहीं, शैक्षणिक संस्थानों की वेबसाइट के अंत में ड्डष्.द्बठ्ठ रहेगा। ऐसी साइट .ष्शद्व.द्बठ्ठ आदि पर नहीं बनाई जाती।
Published on:
17 Dec 2021 06:15 pm
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