
जयपुर डिस्कॉम में एक बार फिर ब्यूरोक्रेट बनाम टेक्नोक्रेट का विवाद हावी होता दिख रहा है। स्थिति ऐसी है कि नौ माह से तकनीकी निदेशक जैसा महत्वपूर्ण पद रिक्त है और काम चलाने के लिए एक मुख्य अभियंता को इस पद का प्रभार दे रखा है। चौंकाने वाली बात यह भी है कि निदेशक मंडल की बैठकों में तकनीकी निदेशक की सलाह महत्वपूर्ण होती है। लेकिन कार्य व्यवस्था के तहत लगाए गए तकनीकी निदेशक को निदेशक मंडल के कामकाज प्रावधानों के तहत बैठक में उपस्थित होने के बाद भी कोरम में शामिल नहीं माना जा रहा है।
तकनीकी निदेशक जैसे महत्वपूर्ण पद के रिक्त होने पर डिस्कॉम के कई पूर्व वरिष्ठ इंजीनियरों से बात की तो उन्होंने कहा कि इस पद पर स्थायी नियुक्ति ही होनी चाहिए। क्योंकि बिजली तंत्र की मजबूती, धरातल पर मॉनिटरिंग, बिजली उपकरणों की खरीद प्रक्रिया में तकनीकी निदेशक की सलाह अहम होती है। लेकिन बिजली कंपनियों की कमान संभालने वाले ब्यूरोक्रेट हमेशा ही तकनीकी निदेशक की नियुक्ति को लेकर गंभीर नहीं रहे हैं क्योंकि इससे उन्हें एक तरफा निर्णयों के प्रभावित होने की आशंका रहती है।
Published on:
14 Oct 2024 11:27 am
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