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गलता तीर्थ में 7 दिन भारतीय संस्कृति-परंपरा के दर्शन, दक्षिण भारत के आभूषण व मुथांगी पोषाक धारण करेंगे भगवान

Galta Tirth Brahmotsav: उत्तर भारत की प्रमुख श्री वैष्णव पीठ उत्तर तोदाद्रि गलताजी तीर्थ में भगवान श्रीनिवास, श्रीदेवी व भूदेवी का 7 दिवसीय ब्रह्मोत्सव शुरू हुआ। अब 7 दिन तक गलता तीर्थ में दक्षिण भारतीय संस्कृति साकार होगी, जिसमें देशभर के श्रद्धालु भगवान के दर्शन करने पहुंचेंगे।

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गलता तीर्थ में 7 दिन भारतीय संस्कृति-परंपरा के दर्शन, दक्षिण भारत के आभूषण व मुथांगी पोषाक धारण करेंगे भगवान

गलता तीर्थ में 7 दिन भारतीय संस्कृति-परंपरा के दर्शन, दक्षिण भारत के आभूषण व मुथांगी पोषाक धारण करेंगे भगवान

जयपुर। उत्तर भारत की प्रमुख श्री वैष्णव पीठ उत्तर तोदाद्रि गलताजी तीर्थ में भगवान श्रीनिवास, श्रीदेवी व भूदेवी का 7 दिवसीय ब्रह्मोत्सव शुरू हुआ। अब 7 दिन तक गलता तीर्थ में दक्षिण भारतीय संस्कृति साकार होगी, जिसमें देशभर के श्रद्धालु भगवान के दर्शन करने पहुंचेंगे। ब्रह्मोत्सव के दौरान भगवान को दक्षिण भारत से आए आभूषण धारण के साथ रत्न जडित आकर्षक मुथांगी पोषाक धारण करवाई जाएगी। प्रभु को दक्षिण भारत से ही रोजाना माला मंगवाकर पहनाई जाएगी। भगवान को दक्षिणी भारतीय भोग प्रसादी भी अर्पित की जाएगी।

गलता पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशाचार्य के सान्निध्य में कलश यात्रा के साथ ब्रह्मोत्सव की शुरुआत हुई। कलश यात्रा गलता जी स्थित यज्ञ वेदी कुण्ड से वैदिक विधि से पूजन के बाद रवाना हुई। सिर पर कलश धारण किए महिलाएं रामानुज कीर्ति स्तंभ की परिक्रमा करती हुई मंदिर श्री सीताराम पहुंची, इस बीच श्रीमन्नारायण संकीर्तन किया गया।

दक्षिण भारत से आए विद्वान
गलता पीठ के युवराज स्वामी राघवेन्द्र ने बताया कि भगवान श्रीनिवास, श्रीदेवी व भूदेवी का ब्रह्मोत्सव मनाया जा रहा है। इसमें भगवान के विभिन्न दिव्य व भव्य उत्सव होंगे। उत्सव में दक्षिण भारत से विद्वान पधारे हैं, जो वैदिक विधी से पूजा-पाठ, हवन, अनुष्ठान आदि सम्पन्न करवाएंगे। दक्षिण भारतीय लोग ही भगवान को लगने वाले गोष्ठी व अन्य भोग प्रसादी आदि बनायेंगे। रोजाना दक्षिण भारत से ही भगवान की माला आदि मंगवाई जाएगी।

दक्षिण भारतीय वाद्यम की रहेगी गूंज
दक्षिण भारतीय वाद्यम से सम्पूर्ण श्री गलता तीर्थ गुंजायमान रहेगा। भगवान को दक्षिण भारत में विशेष रूप से तैयार किये गए आभूषण, वस्त्र आदि धारण कराये जा रहे है। दक्षिण भारतीय पात्रों से भगवान के पूजन व अभिषेक में भी दक्षिण भारतीय पात्र ही काम में लिए जा रहे है।

उत्सव में यह होगा खास
युवराज स्वामी राघवेन्द्र ने बताया कि महोत्सव में अंकुरारोपण, ध्वजारोपण, वास्तुहोम, नित्य हवन्, दिव्य प्रबन्ध-पाठ, शान्ति-पाठ, वैदिक मन्त्रोच्चारण सहित भगवान के तिरूमंजन अभिषेक, तीर्थ-भ्रमण, पुष्करणी पूजन, माला-पलटन, कल्याणोत्सव, डोला-उत्सव, पुष्पयाग, सहस्रार्चन, अवाबृथा स्नान आदि होंगे।

रत्न जडित मुथांगी करेंगे धारण
दक्षिण भारत में तैयार कराई गई भगवान की रत्न जडित विशेष अति आकर्षक मुथांगी पोषाक ब्रह्मोत्सव में भगवान श्रीनिवास, श्रीदेवी व भूदेवी को धारण करवाई जाएगी। 7 दिवसीय महोत्सव में नित्य के भोग, तिरूमंजन, हवन, गोष्ठी आदि के लिए कई किलो फल, सब्जियां, दूध, दही, घी, अन्न, मेवे, तिल, फूल, माला, पुष्प आदि उपयोग में लिए जाएंगे।

शेष वाहन में विराजेंगे भगवान
युवाचार्य राघवेन्द्र ने बताया कि दक्षिण भारत में भगवान का अति सुन्दर एवं दिव्य शेष वाहन तैयार कराया गया है। इसमें भगवान विराजमान होंगे। इसके दर्शन भगवान के मुखोल्लास के साथ जीव का कल्याण होता है।

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26 को महाभंडारा
महोत्सव में 26 नवम्बर को महाभंडारे का आयोजन किया जाएगा। भंडारा सुबह 11 बजे से शुरू हो जाएगा। जिसमें कई किलों खाद्य सामग्री प्रयोग में ली जाएगी। भंडारे के लिए विशेष टीम बनाई गई है।