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आओ बाजार चलें… जयपुर में रोजाना 200 करोड़ का कारोबार, फिर भी समस्याओं का अंबार

त्योहारी व पर्यटन सीजन को लेकर बाजार तैयार

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जयपुर. त्योहारी व पर्यटन सीजन को लेकर बाजार तैयार है। व्यापारियों ने तैयारियां लगभग पूरी कर ली है। तीन अक्टूबर से शुरू हो रहे नवरात्र के साथ ही बाजार में लोगों की भीड़ उमड़ेगी। इस बीच एक अक्टूबर से शुरू हो रहे पर्यटन सीजन में सैलानियों की बहार नजर आएगी। देश-दुनिया के पर्यटक शहर की सुंदरता को निहारने के साथ, यहां की प्रसिद्ध वस्तुओं की खरीदारी भी करेंगे।

जयपुर के बाजारों में डेढ़ लाख से अधिक दुकान-प्रतिष्ठान व शोरूम पर रोजाना साढ़े तीन से चार लाख लोगों की आवाजाही होगी। व्यापारियों की मानें तो सामान्य दिनों में 200 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार होता है, वहीं त्योहारी सीजन में करीब 25 फीसदी तक उछाल की उम्मीद है। हालांकि बाजारों में व्याप्त समस्याओं से व्यापारी परेशान हैं और उन्हें इससे कारोबार पर विपरीत प्रभाव की चिंता भी सता रही है।

समस्याओं से कारोबार होता प्रभावित
परकोटा के बाजारों में पार्किंग, अतिक्रमण, यातायात जाम, सफाई और सुरक्षा जैसी समस्याओं से व्यापारी और ग्राहक दोनों ही परेशान हैं। ये समस्याएं त्योहारी और पर्यटन सीजन के दौरान और भी गंभीर हो जाती हैं। वहीं, बाहरी बाजारों में सुविधाओं की कमी, जैसे शौचालय, पानी और रोड लाइट की अपर्याप्तता से समस्या बढ़ जाती है। व्यापारियों की मानें तो ये समस्याएं त्योहारी सीजन में 10 से 15 फीसदी तक कारोबार पर विपरीत प्रभाव डालती है।

बाजार पर एक नजर
- 25 हजार से अधिक दुकानें हैं परकोटा के बाजारों में
- 1 लाख से अधिक लोगों की परकोटे में रोजाना आवाजाही
- 1 लाख से अधिक दुकानें हैं बाहरी बाजारों में
- 2 लाख से अधिक लोगों की रोजाना आवाजाही बाहरी बाजारों में

परकोटे में मुख्य समस्याएं
- मुख्य बाजारों के साथ गलियों में यातायात जाम बड़ी समस्या
- निर्धारित पार्किंग में जगह नहीं, ग्राहक इधर-उधर भटकने को मजबूर
- जौहरी बाजार, चौड़ा रास्ता और किशनपोल बाजार में पेड पार्किंग की व्यवस्था, ठेकेदारों कर रहे मनमानी वसूली
- अन्य बाजारों में दिनभर स्थायी रूप से वाहन खड़े रहते हैं, जिससे ग्राहकों को पार्किंग की जगह नहीं मिल पाती
- सडक़ से लेकर बरामदों तक अतिक्रमण, पैदल चलने में भी आ रही परेशानी
- मुख्य बाजारों में हैरिटेज लाइटें लगाई गई हैं, लेकिन इनकी रोशनी कम ही रहती है
- फुटपाथ और नालियां टूटी पड़ी हैं। सफाई भी नियमित नहीं होती है। बीच बाजार सड़क पर कचरा जमा रहता है।

बाहरी बाजारों की समस्याएं
- बाजारों में व्यवस्थित पार्किंग नहीं है, लोग मनमर्जी से सड़क पर वाहन खड़ा कर रहे हैं
- न पानी की सुविधा और न ही सार्वजनिक शौचालय की
- रोड लाइट भी पर्याप्त नहीं हैं
- सड़कें और फुटपाथ टूटे पड़े हैं, नालियां जाम हैं
- नियमित सफाई नहीं हो रही है
- सुरक्षा के नाम पर पर्याप्त पुलिसकर्मी और ट्रैफिक पुलिस नहीं है

समाधान के ये सुझाव
- बाजारों में बरामदों और सड़कों से अतिक्रमण हटाया जाए
- सफाई का समय तय होना चाहिए और नाइट स्वीपिंग को बढ़ावा देना चाहिए
- फुटपाथ, सड़क और नालियों की मरम्मत होनी चाहिए
- मुख्य बाजारों के साथ गलियों के बाजारों में सुलभ शौचालय बनाए जाएं
- रोड लाइटें ठीक की जाएं और अधिक रोशनी की लगाई जाएं
- बाजार में पुलिस की रात्रि गश्त बढ़ाई जाए
- परकोटा में दो घंटे की पार्किंग का नियम कठोरता से लागू हो
- सुचारू ट्रैफिक के संचालन के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती होनी चाहिए।

परकोटा के प्रमुख बाजार
जौहरी बाजार, त्रिपोलिया बाजार, किशनपोल, चांदपोल, चौड़ा रास्ता, रामगंज, हवामहल बाजार, घाटगेट, चांदी की टकसाल, गणगौरी बाजार, सूरजपोल, संजय बाजार, बापू बाजार, नेहरू बाजार, इंदिरा बाजार, गोपालजी का रास्ता, हल्दियों का रास्ता, घी वालों का रास्ता, खजाने वालों का रास्ता, लालजी सांड का रास्ता, झालानियों का रास्ता, नाहरगढ़ रोड, जयंती बाजार, ब्रह्मपुरी बाजार आदि।

बाहरी बाजारों के प्रमुख स्थान
एमआइ रोड, वैशाली नगर, खातीपुरा, झोटवाड़ा, राजापार्क, मालवीय नगर, मानसरोवर, जगतपुरा, न्यू सांगानेर रोड, सांगानेर, प्रताप नगर, बजाज नगर, आदर्श नगर, बरकत नगर, टोंक रोड, अजमेर रोड, सोडाला, विद्याधर नगर, सीकर रोड, मुरलीपुरा, वीकेआइ आदि।

लोगों को सुविधाएं मिलेंगी, व्यापार भी बढ़ेगा
जयपुर में रोजाना 200 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार होता है। सुगम यातायात और व्यवस्थित पार्किग होनी चाहिए। बाजार में जो भी समस्याएं हैं, उनका समाधान होना चाहिए। त्योहारी व टूरिस्ट सीजन शुरू हो रहा है। यदि लोगों को सुविधाएं मिलेंगी, तो वे जयपुर आएंगे और समस्याएं दूर होने से व्यापार भी बढ़ेगा।
- सुभाष गोयल, अध्यक्ष, जयपुर व्यापार महासंघ

कारोबार 10 से 30 प्रतिशत तक बढ़ जाता
त्योहारी सीजन में कारोबार 10 से 30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। व्यापारी रोजाना 18 से 20 करोड़ रुपए का टैक्स दे रहे हैं, लेकिन बाजारों में सुविधाएं उपलब्ध कराने के नाम पर कुछ नहीं किया गया है। यदि बाजारों में सुविधाएं बढ़ेंगी, तो कारोबार को पंख लगेंगे।
- सुरेश सैनी, महामंत्री, जयपुर व्यापार महासंघ