जिला परिषद जयपुर कार्यालय की ओर से तीन कार्मिक और एक भर्ती लिपिक कनिष्ठ सहायक के नाम सहित 15 मार्च को बनीपार्क पुलिस थाने में प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज कराई गई। वहीं, पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के साथ ही जिला परिषद कार्यालय से तीन कार्मिकों को सेवा से बर्खास्त कर दिए जाने की सूचना हैं।
पुलिस थाने में दर्ज रिपोर्ट में बताया गया है कि तीन कार्मिक प्रमोद सोनी, जितेंद्र कुमार, सुनील दत्त ने नियत तिथि तक न तो आवेदन किया था। ना ही आवेदन की कोई फीस जमा कराई थी। फिर भी चयन होने पर अन्य अभ्यर्थियों ने मामला कार्यालय अधिकारियों को बताया। जब कार्यालय से कमेटी बनाकर जांच कराई गई तो इस भर्ती में घपला सामने आया।
यूं समझिए पूरा मामला -कनिष्ठ लिपिक भर्ती-2013 के विज्ञापन जारी कर आवेदन मांगे
– इस दौरान बोनस अंकों के विवाद से उच्च न्यायालय में याचिकाएं लगी
– फिर सर्वोच्च न्यायालय में दायर एसएलपी में 29 नवंबर 2016 को निर्णय हुआ
– इसमें विभागीय पत्रों के निर्देशानुसार कनिष्ठ लिपिक भर्ती-2013 में पूर्व मेरिट लिस्ट अनुसार एवं श्रेणीवार प्राप्तांकों की अंतिम कटऑफ में आने वाले नवीन अभ्यार्थियों, जिन्होंने पूर्व में दस्तावेज सत्यापन नहीं कराए, उन्हें बुलाया गया।
– इस पर जिला परिषद ने 21 अगस्त 2017 को विज्ञप्ति जारी की, 24 अगस्त 2017 को सत्यापन कार्यक्रम किया। – इसमें प्रमोद सोनी, जितेंद्र कुमार, सुनील दत्त ने 24 अगस्त को नवीन आवेदन ही तैयार कर प्रस्तुत किए।
– इन पर कार्यवाही करते हुए जिला परिषद ने चयन कर आंवटन आदेश जारी कर गोविंदगढ़ और जालसू पंचायत समिति में नियुक्ति दी गई।
– अन्य अभ्यार्थियों की शिकायत मिली तो फिर हुई इन पर जांच
– 22 फरवरी 2019 को प्राथमिक जांच के लिए बनाई गई तीन सदस्य कमेटी ने जांच की
– कमेटी ने 9 मार्च 2019 को जांच प्रतिवेदन पेश किया
– जिसमें भर्ती विज्ञप्ति एवं विभागीय निर्देशानुसार नियत तिथि 18 अप्रेल 2013 तक इन कार्मिकों का आवेदन कराना नहीं पाया गया
– जांच में कार्यालय के भर्ती लिपिक कनिष्ठ सहायक मुकेश शर्मा को भी दोषी पाया गया