
जयपुर। लड़कियों को मजबूत बनाने व उन्हें हक के प्रति जागरूक करने के लिए शहर की कई बेटियां शनिवार शाम 7 बजे शहीद स्मारक सर्किल पुलिस कमिश्नरेट एमआई रोड पर जुटेंगी। रात 12 बजे सड़क पर निकलेंगी। इस पहल के जरिए सड़कों पर नारी की स्थिति सहज करने की कोशिश की जाएगी। समाज में लड़कियों के रात में बाहर जाने को लेकर कई टैबू हैं। इसे तोडऩे के लिए जयपुर सहित कई शहरों में सोशल मीडिया पर 'मेरी रात मेरी सड़क' हैशटैग के जरिए कैंपेन बनाया है। इस कैंपेन की जयपुर टीम में हर्षिता शर्मा, श्वेता शर्मा, नीरा जैन, अमिता अग्रवाल, चंद्रकला शर्मा, तुलसी जोशी, अनुराधा राठौड़, मेघा गहलोत, ईरा टांक, ईशा शर्मा आदि शामिल हुई।
सैकंड सिटीजन नहीं
लड़कियां सैकंड सिटीजन नहीं हैं। देश में जितने अधिकार बाकी लोगों को हैं, उतने ही लड़कियों को भी हैं। फिर रात के लड़कियां घर से बाहर क्यों नहीं निकल सकतीं?
तेजल चौहान
सोच बदले समाज
समाज को सोच बदलनी होगी। लड़कियों को घर में बंद रहने की सलाह देने की बजाय सभी को नारी सम्मान की सीख दी जाए। देश-समाज में रहने-जीने के लिए सभी को समान हक हैं।
ईशा, स्टूडेंट
डरे नहीं, विरोध करें
लड़कियों को भी नाइट आउट की आजादी है। जयपुर अच्छा शहर है, आपराधिक मानसिकता वाले कुछ लोगों के कारण माहौल खराब हो रहा है। छेड़छाड़ की घटनाएं बढ़ रही हैं। लड़कियों को विरोध करना चाहिए। लोगों को चाहिए कि जहां भी लड़कियों के साथ गलत होते देखें, हौसला दिखाएं व साथ दें।
- शिवानी शर्मा, बीएससी स्टूडेंट
लड़कियां बनें हिम्मती
लड़कियां रात में अकेले घर से बाहर कम ही निकलती हैं। कभी आना-जाना जरूरी हो तो उन्हें डराया क्यों जाता है? ऐसा माहौल क्यों नहीं दिया जाता कि वे बिना किसी डर के निकल सकें। छेड़छाड़ करने वालों पर तुरंत-सख्त कार्रवाई हो। चाहे वह कितना भी प्रभावी हो। वर्णिका की तरह हर लड़की को हिम्मत दिखानी चाहिए।
नेहा वशिष्ठ वेब डवलपर
Published on:
12 Aug 2017 04:24 pm
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