
जयपुर मेट्रो (फोटो- पत्रिका)
Jaipur Metro Train Phase-2 जयपुर के भीतर आने वाले दिनों में आवागमन के लिए मेट्रो ट्रेन सबसे फास्ट और सुरक्षित व्यवस्था बनने वाली है। पिछले कई सालों से लटका जयपुर मेट्रो फेज-2 का काम अब जल्द ही शुरू होने वाला है। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह केंद्र और राज्य में डबल इंजन की सरकार बताई जा रही है। सीएम भजनलाल शर्मा पहले ही जयपुर मेट्रो फेज-2 की फाइनल DPR पर मुहर लगा चुके हैं।
राजस्थान मेट्रो रेलवे कॉर्पोरेशन (RMRC) ने जयपुर मेट्रो की फेज-2 के लिए स्वीकृत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) केंद्र सरकार को सौंप दी है। फिलहाल, मौजूदा समय में डीपीआर पर केंद्र से अंतिम मंजूरी का इंतजार चल रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र जल्द ही डीपीआर पर अपनी मुहर लगा सकता है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, RMRC के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि केंद्र से मंजूरी के बाद मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन निविदा प्रक्रिया शुरू करेगा और कार्य आदेश जारी किया जाएगा। अधिकारी ने ने बताया कि 'मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के साथ बैठक में हमें इस प्रक्रिया को इसी साल अगस्त तक पूरा करने के लिए कहा गया है।
मेट्रो कॉर्पोरेशन के अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार आगामी निकाय चुनावों को देखते हुए दिवाली से पहले किसी भी समय परियोजना की आधारशिला रखने का लक्ष्य बना रही है। ऐसे में माना ये जा रहा है कि मेट्रो फेज-2 का काम काम अक्टूबर से नवंबर के दरमियान शुरू हो सकता है।
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान क्रियान्वित पिछली फेज-1 परियोजना को पूरी तरह से राज्य द्वारा वित्तपोषित किया गया था, लेकिन फेज- 2 मेट्रो केंद्र और राज्य सरकारों के बीच एक संयुक्त उद्यम होगी। एक अन्य मेट्रो अधिकारी ने बताया कि संयुक्त उद्यम के तहत, राज्य सरकार निर्माण लागत का केवल 20 प्रतिशत पैसा देगी। वहीं केंद्र सरकार भी जयपुर मेट्रो फेज-2 के लिए 20 प्रतिशत का योगदान देगी।
केंद्र और राज्य के सहयोग के बाद शेष 60 फीसदी पैसा सॉफ्ट लोन के माध्यम से व्यवस्थित किया जाएगा। सॉफ्ट लोन के लिए JICA जैसी एजेंसियों पर विचार किया जा रहा है।
जयपुर मेट्रो लाइन 1 (मानसरोवर से चांदपोल) का निर्माण राज्य द्वारा वित्त पोषित किया गया था, जबकि दूसरे चरण (चांदपोल से बड़ी चौपड़) के लिए एशियाई विकास बैंक (ADB) से 969 करोड़ रुपये का ऋण लिया गया था, जिसे चुकाने में राज्य को वर्तमान में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
अधिकारियों ने कहा कि निर्माण के दौरान आवश्यक डायवर्जन की रूपरेखा तैयार करने के लिए यातायात विभाग के साथ योजना बैठकें जल्द ही होंगी। यह अनुमान है कि इस खंड को पूरा होने में 3 से 5 साल लगेंगे। एक अन्य अधिकारी ने कहा, "हम पूरे कॉरिडोर को कई खंडों में बनाएंगे, जिससे किसी भी समय 3 से 5 किलोमीटर से अधिक हिस्से में कोई असुविधा न हो।"
Updated on:
28 May 2025 09:33 pm
Published on:
28 May 2025 01:33 pm
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