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जयपुर मेट्रो पर अपडेट, अब फेज-2 से आस, जानें कैसे

Jaipur Metro Update : जयपुर मेट्रो पर अपडेट। अब करीब 10 वर्ष बाद बड़े स्तर पर मेट्रो विस्तार की तैयारी चल रही है। एक्सपर्ट मानते हैं कि रूट बढ़ेगा तो यात्री मिलेंगे।

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Jaipur Metro Update Now Phase-2 Hope know How

जयपुर मेट्रो पत्रिका फाइल फोटो

Jaipur Metro Update : जयपुर मेट्रो का सीमित दायरा होने से उम्मीद के मुताबिक यात्री नहीं मिल रहे। इसके अलावा फेज-1-ए (मानसरोवर से चांदपोल तक) का रूट भी ऐसा रहा, जो कॉलोनियों से दूर था। ऐसे में लोग मेट्रो में सफर करने की सोच ही नहीं पाए। इस बीच सियासी भंवर में भी मेट्रो झूलती रही। अब करीब 10 वर्ष बाद बड़े स्तर पर मेट्रो विस्तार की तैयारी चल रही है। एक्सपर्ट मानते हैं कि रूट बढ़ेगा तो यात्री मिलेंगे।

दरअसल, फेज-1 को विस्तार देने के लिए मानसरोवर से अजमेर रोड का काम चल रहा है। वहीं, बड़ी चौपड़ से ट्रांसपोर्ट नगर का काम काफी समय से बंद है। इन चरण के पूरा होने से परकोटा, अजमेर रोड से लेकर आगरा और दिल्ली रोड जुड़ जाएंगे। साथ ही फेज-2 के धरातल पर आने से यात्रियों का झुकाव मेट्रो की ओर होने की उम्मीद है।

नहीं हुई थी सुनवाई

जब मेट्रो फेज- 1 का रूट निर्धारित किया गया था, उस समय नगरीय विकास विभाग के आला अधिकारियों ने इसके अव्यावहारिक होने की आशंका जता दी थी।

आगे ये उम्मीद

1- जयपुर में विस्तार की गति बेहद धीमी रही। जैसे रूट बढ़ेगा तो यात्रियों की संख्या में इजाफा होगा।
2- दो गुना ट्रैक बढ़ता है तो यात्री भार चार गुना बढ़ता है।
3- परकोटे में दो स्टेशन चालू होने से डेढ़ से दो गुना तक यात्री भार बढ़ गया था।
4- फेज-2 में शहर के वे स्थान कनेक्ट हो जाएंगे, जहां यात्रियों की आवाजाही ज्यादा रहती है।
5- पहले से चल रहा रूट भी जुड़ जाएगा। ऐसे में लोग आसानी से इधर-उधर जा सकेंगे।
(मेट्रो से जुड़े रहे अधिकारियों के साथ बातचीत के आधार पर)।

मानसरोवर से चांदपोल का रूट अव्यावहारिक

मानसरोवर से चांदपोल का रूट अव्यावहारिक है। जब तक बस स्टैंड, एयरपोर्ट से लेकर औद्योगिक क्षेत्र नहीं जुड़ेंगे, तब तक यात्री भार संभव नहीं है। टोंक रोड पर मेट्रो पहले चरण में शुरू की जानी चाहिए थी। मेट्रो स्टेशन के आस-पास की कॉलोनियों में फीडर सेवा को मजबूत करने की जरूरत है। साथ ही सिटी बसों को भी मेट्रो स्टेशन के नीचे से निकाला जाना चाहिए। कनेक्टिविटी पर फोकस करने की जरूरत है।
नेहा खुल्लर, ट्रैफिक मामलों की जानकार

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