
कलक्टर के आदेश नहीं मानता निगम, नहीं हटाया कचरा डिपो
जयपुर. एक तरफ शहर में घर-घर कचरा संग्रहण का बुरा हाल है। वहीं दूसरी ओर बीच आबादी में बने ट्रांसफर स्टेशन आस-पास रहने वाले लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। मानसरोवर रीको क्षेत्र में बने ट्रांसफर स्टेशन से लोग परेशान हैं। कलक्टर की अध्यक्षता में होने वाली जिला स्तरीय विवाद एवं शिकायत निवारण तंत्र की बैठक में कई बार यह मामला उठा, लेकिन समाधान नहीं निकला। हाल ही जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने ग्रेटर नगर निगम आयुक्त महेंद्र सोनी को पत्र लिखकर कचरा संग्रहण स्थल हटाने को कहा। इसके बाद आयुक्त ने भी उपायुक्त, स्वास्थ्य के अलावा मानसरोवर जोन उपायुक्त और एक्सईएन प्रोजेक्ट को पत्र लिखकर कचरा संग्रहण स्थल हटाने के निर्देश दे दिए।
2.10 लाख रुपए में दे दिया कचरा बीनने का काम: कलक्टर और निगम आयुक्त के आदेश को दरकिनार करते हुए ग्रेटर नगर निगम गैराज शाखा के उपायुक्त अतुल शर्मा ने 31 अगस्त को कचरा ट्रांसफर स्टेशन पर कचरे को बीनने का काम रामस्वरूप को 2.10 लाख रुपए प्रति माह के हिसाब से दे दिया। अगले तीन दिन में निगम कोष में दो माह की राशि 4.20 लाख रुपए जमा कराने के लिए भी लिखा।
बड़ी है यह समस्या:ग्रेटर और हैरिटेज नगर निगम सीमा क्षेत्र में अधिकतर कचरा ट्रांसफर स्टेशन आबादी के बीच में हैं। इस वजह से स्टेशन के आस-पास रहने वाले लोग परेशान रहते हैं। ग्रेटर नगर निगम हर महीने कचरा ट्रांसफर स्टेशन से 16 लाख रुपए और हैरिटेज नगर निगम छह लाख रुपए राजस्व अर्जित करता है।
उम्मीद के मुताबिक नहीं हुआ काम:बीवीजी ने इन ट्रांसफर स्टेशन को विकसित किया। बीवीजी को हूपर से सीधे ट्रक में कचरे को डालना था और ट्रक को कचरागाह खाली करने का प्रावधान था। लेकिन संसाधनों के अभाव और कचरे से पैसा कमाने के चक्कर में बीवीजी ने ट्रांसफर स्टेशन बना दिए। अब तक इनको खत्म नहीं किया जा सका है। नए वेंडर्स भी इन्हीं ट्रांसफर स्टेशन का उपयोग कर रहे हैं।
Published on:
04 Sept 2022 12:11 pm
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