
जम्मू कश्मीर के पहलगाम की वादियों में गोलियों की गूंज और एक जयपुर के घर में मातम का सन्नाटा। नीरज नाम था उस नौजवान का, जो छुट्टियां मनाने निकला था, लेकिन लौटा तिरंगे में लिपटकर। यह कोई पहला हमला नहीं है, लेकिन सवाल वही है, आखिर कब तक? कब तक भारत अपने नागरिक यूं ही खोता रहेगा और दुश्मन बेखौफ घूमता रहेगा?
यहां बात उस आतंकी हमले की हो रही है, जिसने न सिर्फ कश्मीर को फिर से खून से रंग दिया, बल्कि राजस्थान के जयपुर के एक साधारण परिवार की जिंदगी भी उजाड़ कर रख दी। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकियों ने पर्यटकों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की, जिसमें कई पर्यटकों की मौत हो गई। इसी हमले में जयपुर निवासी नीरज उधवानी (34) की भी मौके पर ही मौत हो गई। नीरज का परिवार सदमे में है, लेकिन अब एक आवाज पूरे जोर से उठ रही है कि अगर हमला पाकिस्तान की शह पर हुआ है, तो अब सिर्फ निंदा नहीं, एक और सर्जिकल स्ट्राइक होनी चाहिए।
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नीरज के ताऊ और चाचा ने मीडिया के जरिए अपनी बात सरकार तक पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि हमारे बेटे की मौत का जवाब गोली से ही दिया जाना चाहिए। साथ ही परिवार के लोगों ने यह भी कहा है कि आतंकवाद पर राजनीति ना हो, सिर्फ नीति और निर्णायक कार्रवाई ही हो। उन्होंने कहा कि जिस तरह उरी और पुलवामा के बाद भारत ने सीमा पार घुसकर दुश्मन को जवाब दिया था। अब वक्त फिर उसी तरह के सख्त एक्शन लेने का है।
Updated on:
23 Apr 2025 09:59 pm
Published on:
23 Apr 2025 09:55 pm
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