
जयपुर। प्रदेश के प्रमुख मुस्लिम सामाजिक संगठनों ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर पूर्व उपराष्ट्रपति के बयान का कड़ा विरोध किया है। डॉ. जाकिर हुसैन सोश्यिल एण्ड वेलफेयर सोसायटी अध्यक्ष अशफाक अहमद व महासचिव एम. सादिक खान ने कहा कि यह बयान कांग्रेस की फूट डालो राज करो की मानसिकता का परिचायक है। उनके कार्यकाल का अधिकतम समय कांग्रेस की सरकार के समय था उन्हें किसने रोका था समाज की भलाई करने से। आखिर क्यों उन्होंने समाज को कटघरे में खड़ा करने वाला बयान दिया।
समाज उनसे पूछना चाहता है कि उनकी कांग्रेस पार्टी ने 70 वर्षों में रोजा इफ्तार के अलावा क्या दिया है। वर्ष 2004 से 2014 तक लगातार कांग्रेस की सरकार रही। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट आने के बावजूद भी क्यों हमें आरक्षण नहीं दिलवा पाए आज जबकि देश में हिन्दू-मुस्लिम समाज मिलकर रहना चाहते हैं ऐसे समय में उनका बयान भ्रम पैदा करने वाला है। आखिर उन्होंने ऐसा बयान क्यों दिया अगर मोदी सरकार गलत कर रही थी तो आज से तीन साल पहले उन्होंने अपना पद क्यों नहीं छोड़ दिया।
इस मौके पर राजस्थान अल्प संख्यक आयोग के सदस्य मुनव्वर खां, एडवोकेट आशीष गुर्जर, हज वेलफेयर सोसायटी के हाजी निजामुद्दीन, कुरैशी समाज के मुबीन कुरैशी, रशीद कुरैशी, पठान महासभा के अनवर खान सहित अनेक मुस्लिम संगठनों ने पूर्व उपराष्ट्रपति के बयान का कड़ा विरोध किया है। उधर हिन्दू संगठनों ने भी अंसारी के बयान की कडी आलोचना की है।
यह कहा था इंटरव्यू में
हामिद अंसारी ने इससे पूर्व राज्यसभा टीवी को दिए इंटरव्यू में कहा, ये आकलन सही है कि मुस्लिम समुदाय में घबराहट और असुरक्षा का भाव है। देश के अलग-अलग हिस्सों में मुझे ऐसी बातें सुनने को मिलती हैं।
भारतीय समाज सदियों से बहुलतावादी रहा है, लेकिन सबके लिए स्वीकार्यता का माहौल खतरे में है। लोगों की भारतीयता पर सवाल खड़े करने की प्रवृत्ति भी चिंताजनक है। भीड़ के बढ़ते हमले, अंधविश्वास के विरोध पर हत्याएं और कथित घर वापसी के मामले भारतीय मूल्यों में आ रहे विघटन के उदाहरण हैं।
Published on:
12 Aug 2017 04:55 pm
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