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जयपुर आरटीओ प्रथम में बड़ा फर्जीवाड़ा, वाहन आपके नाम, पर नंबर किसी और के नाम जारी! चौंक गए न

Jaipur RTO News : जयपुर आरटीओ प्रथम में बड़ा फर्जीवाड़ा। वाहन आपके नाम, लेकिन नंबर किसी और के नाम जारी! फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा। पढ़ें।

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Jaipur RTO First Big Fraud Vehicle Your Name but Number issued in someone else's Name Rajasthan Transport Department Investigation revealed you shocked

एआइ से बनी फोटो।

Jaipur RTO News : जयपुर आरटीओ प्रथम में बड़ा फर्जीवाड़ा। वाहन आपके नाम, लेकिन नंबर किसी और के नाम जारी! जयपुर का आरटीओ प्रथम कार्यालय नंबरों की तिजोरी नहीं, बल्कि फर्जीवाड़े की फैक्ट्री निकला। विभाग की जांच में न सिर्फ हजारों वाहनों के फर्जी पंजीयन उजागर हुए, बल्कि अफसरों ने चुपचाप चेचिस और इंजन नंबर भी बदल डाले। परिवहन विभाग की ओर से कराई गई जांच में सामने आया कि जयपुर आरटीओ प्रथम में पंजीकृत करीब 2000 वाहनों में से 1500 ऐसे वाहन मिले जिनकी पंजीयन अवधि समाप्त हो चुकी थी, फिर भी उन्हें मनमर्जी से 10 से 15 साल आगे तक बढ़ा दिया गया।

यही नहीं, 500 वाहनों का रिकॉर्ड कार्यालय में मौजूद ही नहीं था, जबकि वे दूसरे आरटीओ से पंजीकृत थे, फिर भी उनका नंबर यहां ‘बैकलॉग’ में जोड़ दिया गया। जांच में यह भी सामने आया कि अफसरों और बाबुओं ने कई मामलों में चेचिस और इंजन नंबर तक बदल दिए।

फर्जीवाड़े का खुलासा होते ही लोग आरसी निरस्त करवाने पहुंचे

पिछले सात वर्ष में जयपुर आरटीओ प्रथम में हजारों नंबरों की हेराफेरी की गई। अब मामले के उजागर होने के बाद वे लोग भी सामने आने लगे हैं, जिन्होंने गिरोह के जरिए बड़ी संख्या में नंबर खरीदे थे और अब आरसी निरस्त करवाने की गुहार लगा रहे हैं। इस पूरे मामले की शुरुआत आरटीओ राजेन्द्र सिंह शेखावत की ओर से की गई जांच से हुई, जिसके बाद गोपनीय जांच में बड़े स्तर पर गड़बड़ियों का खुलासा हुआ।

पूर्व आइएएस के वाहन का नंबर भी बेचा

राज्यभर में थ्री डिजिट वाहन नंबरों के फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद बड़ी संख्या में लोग आरटीओ कार्यालयों में पहुंचकर अपने वाहनों की जानकारी जांच रहे हैं। इस दौरान कई चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं। कई वाहन स्वामियों को इस बात का तब पता चला जब उन्हें मालूम पड़ा कि उनके थ्री डिजिट नंबर बिना जानकारी के ही दूसरे वाहनों पर रजिस्ट्रेशन में उपयोग कर लिए गए हैं। इसी कड़ी में एक पूर्व आईएएस अधिकारी के वाहन का पंजीकृत नंबर भी जयपुर आरटीओ प्रथम कार्यालय से किसी और के नाम ट्रांसफर कर दिया गया, जिसकी शिकायत पीड़ित की ओर से दर्ज कराई गई है।

अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची तैयार

विभागीय जांच में जिन अफसरों और कर्मचारियों को इस फर्जीवाड़े के लिए जिमेदार माना गया है, उनमें शामिल हैं:

अधिकारी
प्रकाश टहलयानि, राजीव त्यागी, इंदु मीणा, जितेन्द्र माथुर, रमेश मीणा, सुनील सैनी, संजीव भारद्वाज, रामकृष्ण चौधरी, पारस राम जाट।

कर्मचारी
सुरेश तनेजा, दिनेश कुमार शर्मा, निखिल सोनी, रोहिताश गुर्जर, मुकेश मीणा, प्रदीप भारद्वाज, कपिल भाटिया, बीना मारोडिया, निधि गौतम, जयश्री, मेघा श्रीमाल।