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Jaipur Septic Tank Accident: मिट्टी से सोना निकालने सेप्टिक टैंक में उतरे मजदूर, जहरीली गैस से 4 की मौत

जयपुर के अचल ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड में करीब 10 फीट गहरे सेफ्टी टैंक में मिट्टी से सोना निकालने उतरे चार मजदूरों की जहरीली गैस से मौत हो गई।

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jaipur saptic tank

मृतकों के फोटो (फोटो सोर्स- पत्रिका)

राजधानी जयपुर के सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र स्थित ज्वैलरी जोन में सोमवार रात करीब साढ़े आठ बजे अचल ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड में करीब 10 फीट गहरे सेफ्टी टैंक में मिट्टी से सोना निकालने उतरे चार मजदूरों की जहरीली गैस से मौत हो गई। चार अन्य मजदूर बेहोश हो गए, जिन्हें निजी हॉस्पिटल में पहुंचाया गया। बेहोश होने वाले दो मजदूरों की हालत गंभीर होने पर भर्ती कर लिया, जबकि दो मजदूरों को होश आने पर प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी। अस्पताल से रात करीब 9.30 बजे पुलिस को सूचना मिली, तब पुलिस मौके पर पहुंची।

पुलिस ने बताया कि हादसे में उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर निवासी संजीव पाल, हिमांशु सिंह, रोहित पाल, उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर निवासी अर्पित यादव की मौत हो गई। उनके साथी अमित चौहान व राजपाल को भर्ती किया गया है। अमित पाल व सूरज पाल को अस्पताल छुट्टी दे दी गई।

एक से डेढ़ माह में निकालते सोने के कण व बुरादा

बहुमंजिला फैक्टरी में सोने के आभूषण बनाए जाते हैं। आभूषण बनाने के दौरान कटिंग होने से बुरादा व कण सफाई करने के दौरान फैक्टरी में बने बड़े-बड़े सेफ्टी टैंक में पहुंच जाते हैं। सेफ्टी टैंक में मिट्टी भी जमा हो जाती है। मजदूरों ने बताया कि एक से डेढ़ माह में सेफ्टी टैंक से केमिकल युक्त पानी को मोटर की मदद से निकाल दिया जाता है। इसके बाद भूतल पर मिट्टी व सोने के कण को मजदूर बाहर निकालकर फैक्टरी की रिफाइनरी में पहुंचाते हैं, जहां सफाई कर सोने का बुरादा व कण को निकाल लिया जाता है।

पहले अमित व रोहित उतरे फिर अन्य

साथी मजदूरों ने बताया कि फैक्टरी में रात करीब साढ़े आठ बजे सेफ्टी टैंक से पानी निकालने के बाद अमित व रोहित नीचे उतरे। करीब पन्द्रह मिनट काम करने के बाद दोनों बेहोश हो गए। दोनों को बचाने के लिए एक के बाद एक कर छह लोग सेफ्टी टैंक में उतर गए। अन्य मजदूर व फैक्टरी के सिक्योरिटी गार्डों ने सभी को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया, जहां चार जनों को मृत घोषित कर दिया।

रात होने पर मना किया था, मृतकों में ठेकेदार का भाई

साथी मजदूरों ने बताया कि रात होने पर सेफ्टी टैंक में उतरने से मना किया था। लेकिन उन्हें जबरन नीचे उतार दिया। सेफ्टी टैंक में उतरने वाले मजदूरों के पास सुरक्षा उपकरण भी नहीं थे। उन्होंने बताया कि पहले फैक्टरी छोटी स्तर पर थी और प्लास्टिक के सेफ्टी टैंक हुआ करते थे। लेकिन एक वर्ष पहले नई फैक्टरी शुरू की गई और इसमें बड़े-बड़े भूमिगत सेफ्टी टैंक बनाए गए। हादसे के शिकार अधिकांश लोग ठेकेदार के परिवार व रिश्तेदार हैं। मृतकों में ठेकेदार का भाई भी है। सूचना पर एसीपी सुरेन्द्र सिंह, पूनम चंद बिश्नोई सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस फैक्टरी में मजदूरों की कार्यप्रणाली के दस्तावेज की जांच कर रही थी।

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