
बीएसएफ आईजी एमएल गर्ग (फोटो- पत्रिका)
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार सोमवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) राजस्थान फ्रंटियर के अधिकारी जोधपुर मुख्यालय में मीडिया से रू-ब-रू हुए। बीएसएफ राजस्थान फ्रंटियर के महानिरीक्षक (आइजी) एमएल गर्ग ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दरम्यान पाकिस्तान के आर्मी टैंक रेजिमेंट के साथ राजस्थान बॉर्डर पर आ गए थे, लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों के डर से राजस्थान बॉर्डर पर एक भी आर्टिलरी फायर नहीं किया।
गौरतलब है कि पाक आर्मी ने जम्मू कश्मीर में एलओसी पर भारी गोलाबारी की थी। ऐसा पहली बार हुआ कि बॉर्डर पर फ्रंट लाइन पर बीएसएफ के साथ आर्मी और एयरफोर्स दोनों खड़ी रही। सीजफायर के बावजूद अभी भी तीनों सुरक्षा बल बॉर्डर पर तैनात हैं।
आइजी गर्ग बोले कि पाकिस्तान ने युद्ध के डर से अपने बॉर्डर से लगते कई गांव खाली करा दिए थे, लेकिन भारत ने ऐसा नहीं किया। गांव वालों को अपने साथ रखा। पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और मिसाइल फायरिंग में राजस्थान में एक भी नागरिक हताहत नहीं हुआ। केवल छोटे मोटे मकान ही टूटे थे।
आइजी गर्ग ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की ओर से श्रीगंगानगर, बीकानेर और जैसलमेर बॉर्डर पर 413 ड्रोन अटैक हुए। ये सुसाइड, सर्विलांस सहित अन्य प्रकार के ड्रोन थे, जिन्हें बीएसएफ, आर्मी और एयरफोर्स ने संयुक्त रूप से मार गिराया। बीएसएफ की एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी भी काफी मददगार रही। पाकिस्तान की ओर से कई चीनी मिसाइलें भी दागी गई, जिन्हें हवा में ही ध्वस्त कर दिया गया। कुछ मिसाइल राजस्थान बॉर्डर के डेढ़ सौ किलोमीटर तक अंदर आ गई। इनका टारगेट फलोदी एयरबेस था।
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आइजी ने बताया कि पाकिस्तान के साथ झड़प में मॉडर्न वारफेयर सामने आया। पहले ड्रोन केवल स्मगलिंग के लिए आते थे, लेकिन इस बार आए ड्रोन बहुत घातक थे। जिसमें मिसाइल अटैक, सुसाइड ड्रोन और सर्विलांस जैसे ड्रोन शामिल थे।
ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान की ओर से भारत में कई साइबर अटैक किए गए थ, जिन्हें भारत की ओर से सफलतापूर्वक फेल कर दिया गया। बीएसएफ की इंटेलिजेंस विंग ने पाकिस्तान के कई साइबर हमलों को नाकाम किया। इसके अलावा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की ओर से जासूसी गतिविधियों में भी तेजी आ गई थी
Published on:
27 May 2025 06:08 am
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