जानकारी के अनुसार बांग्लादेश निवासी मेहमूद आलम (63) को संदिग्ध हालात में घूमते हुए जैसलमेर से फरवरी में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने उस पर पासपोर्ट एक्ट उल्लंघन का केस दर्ज किया था। सजा होने के बाद उसे सेंट्रल जेल जयपुर भेज दिया गया।
कुछ दिन पूर्व तबीयत बिगड़ने पर कैदी को एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया। इलाज के दौरान 2 मई को उसने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि कैदी की मौत की सूचना विदेश मंत्रालय को भेज दी गई थी और उसके परिजन से संपर्क किया जा रहा है, लेकिन अब तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला है। ऐसे में दिनोंदिन इंतजार बढ़ता जा रहा है।
इसलिए मोर्चरी में हो रही परेशानी
हीटवेव व अन्य कारणों से इन दिनों मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है। अकेले एसएमएस अस्पताल में रोजाना 30 से 35 मौतें हो रही हैं। इनमें 15 से 17 पोस्टमार्टम हो रहे हैं। पूर्व में यह संख्या महज 13 से 14 ही थी। ऐसे में मोर्चरी पर दबाव बढ़ रहा है। कई बार क्षमता से अधिक शव पहुंच जाते हैं तो काफी दिक्कत होती है। इतना ही नहीं, मोर्चरी में वर्तमान में 20 से ज्यादा अज्ञात शव पड़े हैं। इस स्थिति में कैदी के शव को लंबे समय तक मोर्चरी में रखना भी चुनौती बना हुआ है।